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पूर्वी भारत के विकास पर जोर
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हाल ही में वित्तमंत्री ने अंतरिम बजट में पूर्वी भारत को आर्थिक विकास का इंजन बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। क्षेत्र से जुड़े कुछ बिंदु –
- पूर्वी भारत के चार राज्यों-बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में प्रति व्यक्ति आय, राष्ट्रीय औसत से 15.60% कम है।
- बिहार में प्रति व्यक्ति आय की विकास दर, भारत के सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्य कर्नाटक की तुलना में आधे से भी कम है।
- पूर्वी भारत में अकेला ओडिशा ही ऐसा राज्य है, जिसकी विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- इन राज्यों में देश की जनसंख्या का पांचवा हिस्सा रहता है, और मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से इनका बहुत महत्व है।
- एशिया और यूरोप के साथ व्यापार के लिए भी इस क्षेत्र को एक पुल की तरह उपयोग में लाया जा सकता है।
- भारत को एक विनिर्माण निर्माता केद्र के रूप में विकसित किए जाने के लिए इन क्षेत्रों को बेहतर तरीके से एकीकृत करना होगा, जिससे परिवहन और उत्पादन की लागत कम रखी जा सके।
- पूर्वी भारत एक समरूप क्षेत्र नहीं है। अतः राज्य विशेष के अनुरूप नीतियां बनानी होंगी।
- संसाधनों से भरपूर ओडिशा और झारखंड को विनिर्माण क्षेत्र में प्रोत्साहन की जरूरत है। पश्चिम बंगाल में सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है। बिहार में हो रही जनसंख्या वृद्धि को स्थिर करने और सामाजिक क्षेत्र में बड़ा निवेश करने की आवश्यकता है।
- सामाजिक कल्याण योजनाओं और पूंजीगत व्यय में बढ़ोत्तरी से भी क्षेत्र के विकास में तेजी लाई जा सकती है।
- क्षेत्र में विऔद्योगकरण के कारणों की जांच करके उन्हें सुधारा जाना चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 3 फरवरी, 2024
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