धारणीय विकास लक्ष्य सूची में भारत की वर्तमान स्थिति

Afeias
25 Jun 2021
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Date:25-06-21

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कुछ तथ्य –

  • नीति आयोग के धारणीय विकास की भारतीय सूची 2020-21 के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित ऊर्जा, शहरी विकास और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने अपने 2019 के समग्र अंकों को 60 से बढ़ाकर 66 करने में सफलता प्राप्त की है। अनेक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता में सुधार दिखाया है। भूख और गरीबी के उन्मूलन के लक्ष्य पर भी एक कदम आगे बढ़ाया है। घरों में बिजली और खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन की पहुंच में सुधार-अभियान को एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में दिखाया गया है।
  • सूचकांक से पता चलता है कि उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे के अलावा स्तरीय काम और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में बड़ी गिरावट आई है।
  • प्रमुख संकेतकों में सुधार के बावजूद, सूचकांक में किए गए पद्धतिगत परिवर्तन से भारत की स्थिति कुछ निराशाजनक दिखाई देती है। 2019 के लक्ष्यों में असमानता पर भारत ने कुछ सुधार दिखाया था, परंतु 2020-21 में कई आर्थिक संकेतकों को छोड दिया गया है। उनके स्थान पर सामाजिक संकेतकों को अधिक महत्व दिया गया है। इसमें विधायी और स्थानीय शासन संस्थानों में महिलाओं और हाशिए पर रह रहे लोगों का प्रतिनिधित्व तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रति अपराध आदि को पैमाना बनाया गया है।
  • दक्षिण भारतीय राज्यों और पश्चिमी राज्यों, उत्तर-मध्य और पूर्वी राज्यों के धारणीय विकास प्रदर्शन में भारी अंतर है। यह सामाजिक, आर्थिक और शासन संबंधी असमानताओं की ओर इशारा करता है। अगर इन पर ध्यान नही दिया गया, तो यह संघीय चुनौतियों और परिणामों की विषमता को बढ़ा सकता है।

सरकार को बढ़ती असमानता और आर्थिक संकट के लक्ष्यों के स्तर पर अधिक काम करने की जरूरत है, जिससे कोविड की दूसरी लहर में हुई जन-धन की हानि से निकलकर आशा का संचार किया जा सके।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 जून, 2021

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