ड्रोन में लगे प्रगति के पंख

Afeias
21 Sep 2021
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Date:21-09-21

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हमारे देश के लिए ड्रोन कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ समय से ये हमारे कई उद्योगों को बदल रहे हैं। हालांकि, अभी तक हमने इस मितव्ययी साधन को इंटरनेट जैसी क्रांति में पूरी तरह से शामिल करने का प्रयास नहीं किया था, लेकिन अब ड्रोन नियम 2021 के लागू किए जाने के बाद इसे दैनिक जीवन में शामिल करना आसान हो जाएगा।

  • विश्वास, स्वप्रमाणन और घुसपैठ पर निगरानी रखने के बुनियादी सिद्धांतों पर नए नियम काम करेंगे।
  • ड्रोन के पंजीकरण के लिए एक आवश्यक विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त करनी होगी।
  • व्यवसाय की सुगमता की दृष्टि से, कई अनुमोदन और मंजूरी को समाप्त कर दिया गया है।
  • शुल्क की मात्रा में काफी कमी लाई गई है।
  • इन नियमों में ‘डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म’ नामक एक एकल खिड़की बनाई गई है।
  • क्षेत्रीय प्रतिबंधों की पहचान के लिए हवाई क्षेत्र का नक्शा जल्द ही जारी किया जाएगा।

लाभ क्या होंगे –

  • विनिर्माण के क्षेत्र में अवसर खुल सकते हैं। ड्रोन के लिए हार्डवेयर कंपोनेंट्स की मांग बढेगी।
  • ड्रोन को चलाने के लिए सॉफ्टवेयर की मांग बढ़ेगी।
  • कृषि में लाभ मिलेगा। उपज में सुधार या डिजिटल संपत्ति कार्ड जैसी स्वामित्व योजना को ड्रोन के माध्यम से साकार किया जा सकता है।
  • भूमि मानचित्रण सटीक हो सकेगा।
  • मूल्य श्रृंखला में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ड्रोन निर्माण, बिक्री, बीमा, पायलट, काउंटर ड्रोन सिस्टम, ड्रोन मरम्मत आदि के माध्यम से रोजगार तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भारत का उद्देश्य, 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने का है। इस हेतु अनुसंधान एवं विकास, परीक्षण, निर्माण और संचालन आदि को दुरूस्त रखना होगा। इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विचार को भी आगे बढ़ाने में नया मार्ग तैयार होने की उम्मीद है।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लेख पर आधारित। 7 सितंबर, 2021

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