सीमित देयता का सम्मान रखा जाए

Afeias
21 Jun 2021
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Date:21-06-21

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पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय ने एक आधिकारिक सूचना की वैधता को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया है कि बैंकों को प्रमोटरों द्वारा दी गई व्यक्तिगत गारंटी को लागू करने की अनुमति है। यह उन मामलों में भी लागू होगा, जहां गारंटीकृत ऋण पर चूक के कारण दिवालिया समाधान कार्यवाही हुई हो।

न्यायालय के इस फैसले से सीमित देयता की पवित्रता का उल्लंघन होता है।

सीमित देयता क्या है

सभी शेयर धारक कंपनी के सभी ऋणों के लिए जवाबदेह होते हैं। व्यापार भागीदार की देयता उस राशि तक सीमित है, जो उन्होंने कंपनी में निवेश की है। इस प्रकार इसमें शामिल जोखिम केवल शेयरों की राशि तक सीमित है, और शेयर धारकों की निजी संपत्ति को नहीं बेचा जा सकता।

सीमित देयता या दायित्व ने उद्यमशीलता के जोखिम उठाने और पूंजीवाद के रचनात्मक विनाश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी के विफल होने की स्थिति में अगर केवल निवेश की गई पूंजी ही जोखिम में है, और शेष संपत्ति सुरक्षित है, तो उसे सफलता मिलने तक प्रयास करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। कंपनी द्वारा लिए गए ऋण के लिए कंपनी के निदेशकों और प्रमोटरों द्वारा व्यक्तिगत गारंटी सीमित देयता के सिद्धांत का उल्लंघन करती है।

आदर्श स्थिति तो वह है, जिसमें बैंक कंपनी की ताकत और संभावनाओं के आधार पर उधार देते हैं, न कि प्रमोटर की संपत्ति के बल पर। हालांकि भारत में क्रेडिट की दुनिया आदर्श से बहुत दूर है।

समस्या केवल बैंकों द्वारा व्यक्तिगत गारंटी पर जोर देने की नहीं है। प्रमोटर अक्सर परियोजना की लागत को बढ़ा देते हैं। फिर परियोजना को चलाए रखने के लिए वास्तविकता की तुलना में कहीं बहुत अधिक उधार लेते हैं। इससे परियोजना ही खतरे में पड़ जाती है। नेता-बाबू के गठजोड़ से बढ़ाई गई परियोजना की कीमत के लिए बैंकर भी ऋण दे देते हैं। कई मामलों में प्रमोटर की दिलचस्पी परियोजना को उतना ही चलाने तक सीमित रहती है कि उसे दूसरे ऋण के लिए अयोग्य न ठहराया जाए। यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय व्यक्तिगत गारंटी को जारी रखना चाहता है।

अब यह कॉर्पोरेट जगत पर है कि वह सीमित देयता की पवित्रता का सम्मान करने और उधार की गैर-आदर्शवादी संस्कृति को बदलने का कितना और कैसा प्रयास करता है। भारत की आर्थिक प्रगति के लिए ऐसा किया जाना चाहिए।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 25 मई, 2021