हमारी निजता किसके हाथ ?

Afeias
18 Jun 2021
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Date:18-06-21

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सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार के बीच गतिरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका कारण सरकार द्वारा जारी किए गए नए आई टी कानून हैं, जो 25 फरवरी, 2021 को लाए गए थे। सोशल मीडिया कंपनियों से इन कानूनों के अनुपालन की अपेक्षा की गई है, और इसके लिए इन्हें तीन माह का समय दिया गया था, जिसकी अवधि 25 मई को समाप्त हो गई है।

क्या हैं ये नए कानून ? विवादास्पद बिंदु –

  • पहला बिंदु सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले किसी संदेश या सूचना के स्रोत का पता लगाए जाने से संबंधित है। सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया किसी मैसेज के स्रोत का पता लगाने की जिम्मेदारी ले।

सरकार की इस मांग के विरूद्ध व्हाट्सएप ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की है। उसका कहना है कि इससे भारत के 40 करोड़ उपभोक्ताओं की निजता या प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है।

ज्ञातव्य हो कि व्हाट्सएप ने उपभोक्ताओं की निजता की सुरक्षा के लिए एण्ड-टू-एण्ड एनक्रिप्शन तकनीक डिजाइन की है। इसके माध्यम से व्हाट्सएप आपको इस बात की गारंटी देता है कि आपके संदेश को व्हाट्सएप नहीं पढ़ेगा। वह सुरक्षित और निजता के दायरे में है।

  • कानून के अनुसार सोशल मीडिया मंचों को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया गया है। साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों और शिकायत निवारण अधिकारियों से समन्वयन हेतु एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का भी आदेश दिया गया है।
  • व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में उपभोक्ताओं को बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं दिया गया है। इसको लेकर सरकार नाराज है, और वह व्हाट्सएप पर इसे वापस लेने के लिए जोर डाल रही है।

ज्ञातव्य हो कि इस नए अपडेट के माध्यम से व्हाट्सएप अपने उपभोक्ताओं के डेटा को फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है। इस प्रावधान को भी दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।

इन मामलों में न्यायालय के निर्णय महत्व के सिद्ध हो सकते हैं, क्योंकि इनसे 74 करोड़ भारतीय इंटरनेट उपभोक्ताओं के डेटा की निजता और सुरक्षा जुड़ी हुई है। दरअसल, सरकार और व्हाट्सएप दोनों को ही निजता के मौलिक अधिकार की परवाह नहीं है।

इसके समाधान के रूप में एक ऐसा नियामक ढांचा तैयार किया जाना चाहिए, जिस पर सार्वजनिक मंचों और संसद में विचार-विमर्श किया जा सके। एक ऐसा ढांचा हो, जो नुकसान की स्पष्ट पहचान कर सके, और गोपनीयता के तकनीकी पहलुओं और प्रभावों को समझते हुए समाधान बताए।

विभिन्न समाचार पत्रों पर आधारित।

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