भारत में नवोन्मेषता का चमकता सूरज

Afeias
05 Nov 2020
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Date:05-11-20

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भारत, भूमि, तकनीक आधारित नवोन्मेषता के लिए उपयुक्त है। हमारे देश में इंटरनेट उपभोक्ता सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। फिलहाल इनकी संख्या 70 करोड़ है, जिसके 2025 तक 97.4 करोड़ हो जाने की संभावना है। जनधन, आधार और मोबाइल की तिकडी ने तकनीकी रूप से हमें काफी उन्नत कर दिया है। हाल ही की एक रिपोर्ट के अनुसार 2035 तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से भारत के जीडीपी में 95.7 अरब डॉलर जोड़े जा सकते हैं।

भारत में नवोन्मेष का आधार सहयोग, सुविधा और जिम्मेदार नियमन का त्रय है। यह विभिन्न विषयों से जुडा हुआ है। यहां यह नही भूलना चाहिए कि नवोन्मेष एक पुनः संयोजक है, और यह ऐसे दीर्घकालीन लाभ दे सकता है, जिनको निकट भविष्य में शायद न देखा जा सके। इस दृष्टि से ही भारत ने इस विधा में कदम आगे बढ़ाए हैं।

  • भारत में अनेक ऐसे स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं, जिन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘डिजीटल इंडिया’ के स्वप्न को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सेतु, मैप माय इंडिया, चिंगारी, येलो, निरामई आदि ऐसे मंच हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाते जा रहे हैं।

ग्रामोफोन जैसे एप मंडी की सुचनाएं, मृदा और उपज के बारे में सलाह उपलब्ध कराते हैं।

  • नवोन्मेष को पूँजी और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा की आवश्कता होती है। यह ऐसे माहौल में पनप सकता है, जहाँ इसकी विफलता के लिए स्थान हो। सरकार इसके लिए एक व्यापक ढांचा तैयार कर रही है। यह, इनोवेशन इन साइंस पर्पज फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च स्कॉलरशिप, एडवांसमेंट इन नॉलेज इंपावरमेंट इन स्कीम, स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन तथा अटल इनोवेशन मिशन जैसी कई योजनाओं के साथ अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित कर रही है।

नवोन्मेष में ऐसे भविष्य के निर्माण की क्षमता है, जहां ए आई शिक्षा और स्वास्थ को बदल देगा। मशीन लर्निंग और ब्लॉक-चेन वाणिज्य को मजबूत और लचीला बना देंगे। स्वच्छ ऊर्जा हमारी अर्थव्यवस्था को चलाएगी। जीन-एडिटिंग से विलुप्त प्रजातियों को वापस लाने में मदद मिलेगी और यह बिगड़े हुए पारिस्थितिकी को वापस ठीक करेगा। क्वाटंम कंप्यूटिंग चुनौतियों को हल करने में हमारी प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाएगा। वर्चुअल रिएलिटी भौतिक जगत के साथ हमारे मेल-जोल के तरीके को बेहतर ढंग से बदल देगी।

‘द हिन्दू’ में प्रकाशित अमिताभ कांत और सात्विक मिश्रा के लेख पर आधारित। 21 अक्टूबर, 2020