भारत के लिए सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण का सुनहरा अवसर
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कुछ समय से भारत सरकार सेमींकडक्टर को अपने विनिर्माण की महत्वकांक्षा के केंद्र में रखकर चल रही है। फिलहाल पूरे विश्व को सेमींकडक्टर चिप की आपूर्ति मुख रूप से ताईवान करता है। हाल ही में वहाँ आए भूकंप के कारण उसका यह उद्योग खतरे में पड़ गया है। भारत के लिए इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का यह अच्छा अवसर है।
इस पर कुछ बिंदु –
- ताइवान भारत को चिप मेकिंग तकनीक तक प्रमुखता से पहुंच प्रदान करता है।
- चीन की छाया में काम कर रहे ताइवान के चिप निर्माताओं के लिए, भारत की प्रगति की योजना एक अच्छा प्रस्ताव लगता है।
- ‘चाइना प्लस वन’ नीति में बहुत से पश्चिमी देश अब सेमीकंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण घटक के विनिर्माण और लचीली आपूर्ति के लिए चीन का विकल्प चाहते हैं।
- इस संबंध में टाटा समूह ने ताइवान के पीएसएमसी के साथ गुजरात में एक ईकाई बनाने का समझौता भी कर लिया है।
इन सभी दृष्टिकोणों से भारत में सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण का भविष्य उज्जवल कहा जा सकता है। इसका लाभ उठाया जाना चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 4 अप्रैल, 2024