सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए भारत की तैयारी

Afeias
31 Oct 2022
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भारत सरकार ने 2021 में घोषणा की थी कि वह सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ की शुरूआती प्रोत्साहन योजना ला रही है। इस योजना का उद्देश्य डिस्प्ले फेब्रिकेशन, सेमीकंडक्टर डिजाइन, पैकेजिंग, नॉन-सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन, सिलिकॉन चिप फेब्रिकेशन आदि का विनिर्माण करने वाली फैक्टरीयों को सुविधा प्रदान करना है। इसी कड़ी में वेदांता और फॉक्सकॉन ने हाल ही में घोषणा की है कि वे डिस्प्ले फैब्रिकेशन और सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधा के लिए अगले दो वर्षों में 1.54 लाख का निवेश करेंगे।

सरकार की प्रोत्साहन नीति की कुछ शर्तें हैं –

  • आवेदक को 65/45/28 नैनोमीटर के नोड फैब या उत्पादन ग्रेड लाइसेंस प्राप्त प्रौद्योगिकियों का अधिकारी होना चाहिए।
  • एक विशेष सीमा या क्षमता की प्रसंस्करण क्षमता होनी चाहिए। वेदांता के मामले में वह इसके लिए अपने ताइवानी साझेदार पर निर्भर है।

इस निवेश के फलित होने और ग्रीनफील्ड सिलिकॉन फैब के तैयार होने तक भारत को अपने मोहाली के ब्राउनफील्ड फैब की धीमी गति को फास्टट्रैक करना होगा। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में व्यवसायीकरण में प्रतिस्पर्धा के लिए भारत सरकार मोहाली कंडक्टर प्रयोगशाला या एससीएल को संसाधित कर सकती है। इस प्रयोगशाला में वैश्विक मांग के अनुरूप चिप्स तैयार कर सकने की क्षमता है। इस क्षमता के साथ भारत एक या दो साल में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकता है। अतः सरकार को इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित अरुण मम्पाझी के लेख पर आधारित। 15 सितम्बर, 2022

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