सेमीकंडक्टर संयंत्र

Afeias
28 Apr 2024
A+ A-

To Download Click Here.

हाल ही में भारत सरकार ने तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना को मंजूरी दी, जिनमें भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र शामिल होगा। इस उद्योग को स्थापित करने की जरूरतें निम्नलिखित हैं –

  • डिजाइन इंजीनियर
  • उद्योग के लिए फैब्रिकेशन सेंटर
  • चिप बनाना – इसकी टेस्टिंग, मार्किंग, पैकेजिंग करके अंतिम उत्पाद बनाना
  • बेहद सूक्ष्मता व अत्यंत सफाई से काम करने वाली प्रौद्योगिकी

भारत के पास ये सभी इकोसिस्टम हो गए हैं। दुनिया में जितने सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़े इंजीनियर हैं, उनमें से एक तिहाई भारत में ही हैं।

सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना से होने वाले लाभ –

  • इन इकाइयों से करीब 20,000 उन्नत प्रौद्योगिकी की नौकरियों और करीब 60,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन हो सकता है।
  • फैब कारखानों में निवेश से कंपोनेंट और एसिलरी विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • घर के पर्दे और स्विच बोर्ड से लेकर इलेक्ट्रिक कार और रॉकेट में चिप का इस्तेमाल होने लगा है। ईवी और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ने से इसकी मांग और बढ़ेगी।

आगे की राह –

  • देश में लगने वाले संयत्रों की रोजाना निगरानी करनी होगी, ताकि उन्हें समय पर स्थापित किया जा सके।
  • इन संयंत्रों के साथ लगने वाली (सहायक) इकाइयों की चरणबद्ध तरीके से स्थापना करना।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रंखलाओं में कमजोरियों को देखते हुए भारत के लिए यह ज्यादा अहम हो गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवश्यक इलेक्ट्रोनिक घटकों की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
  • इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए यह अहम है कि भरोसेमंद बिजली आपूर्ति, जल संसाधन और परिवहन नेटवर्क जैसे बुनियादी ढांचे की अड़चनों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

इस क्षेत्र की सफलता के लिए सरकारी संरक्षण और निजी क्षेत्र के निवेश, दोनों की आवश्यकता होगी।

*****

Subscribe Our Newsletter