क्विक कामर्स कंपनियां
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क्विक कामर्स कंपनियां – यह एक विशिष्ट कारोबारी मॉडल है, जिसमें उपभोक्ताओं तक वस्तुयें अति शीघ्र पहुंचाई जाती हैं। इसमें बहुत अधिक संभावनाएँ हैं। ये कंपनियां मूल्यांकन की दृष्टि के साथ-साथ वैश्विक स्टार्टअप जगत में जगह बनाने में सक्षम हैं।
शिकायतें –
प्रशासन व कारोबारी इन कंपनियों की शिकायतें कर रहे है।
- ये कंपनियां ई-कामर्स के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मानकों का उल्लंघन करती हैं।
- किराना दुकानों पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
देश में इस समय लगभग 1.3 करोड़ किराना स्टोर हैं, जिसमें अधिकांश छोटे शहरों में स्थित हैं।
सुझाव –
- सरकार को कारोबारियों और ई-कामर्स के बीच संतुलन कायम करने का प्रयास करना चाहिए। इससे पहले भी बहु-ब्रांड खुदरा में FDI को रोका गया था, ताकि किराना दुकानों पर विपरीत असर न पड़े।
- स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना चाहिए।
- किराना दुकानों को भी क्विक कामर्स से मिले अवसर का लाभ उठाते हुए तेजी से विकास करना चाहिए।
- कंपनियों को गुणवत्तापूर्ण रोजगार प्रदान करना चाहिए।
- सरकार को बहुप्रतीक्षित ई-कामर्स नीति तैयार करनी चाहिए, ताकि मूल्य श्रृंखला का निर्धारण हो सके।
देश में 1.3 करोड़ किराना स्टोर हैं। ये राजनीतिक दृष्टि से अहम हैं। पिछले एक वर्ष में 2 लाख किराना दुकानें बंद हो गईं। इसका कारण क्विक कामर्स को माना जा रहा है। लेकिन यह अवैज्ञानिक आधार है। वस्तुतः उपभोक्ताओं का तकनीकी रुझान कारोबारी माडलों को बदल सकता है। इसलिए नीतियाँ भविष्य को ध्यान में रखकर बनानी होंगी।
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