वन नेशन, वन हैल्थ में जैव विविधता का महत्व

Afeias
28 Jun 2021
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Date:28-06-21

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5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह आवश्यक है कि हम प्रकृति के साथ अपने संबंध और तादात्म्य पर पुनर्विचार करें। भारत की समृद्ध और व्यापक जैव विविधता देश को एक विशिष्ट पहचान देती है। भूमि, नदियों और सागरों में विस्तारित जैव विविधता, हमारे जन-समुदायों को जीविका के साधन देती है, स्वास्थ सुरक्षा देती है। साथ ही पर्यावरण असंतुलन से बचाती है।

दुर्भाग्यवश वैश्विक स्तर पर हमने वर्ष 2000 से लेकर अब तक 7 वनों का नाश कर दिया है। एक अनुमान के अनुसार अगले कुछ दशकों में हम जैव विविधता से जुड़ी अनेक प्रजातियों को खो बैठेंगे। इन आशंकाओं के मद्देनजर भारत सरकार ने जैव विविधता के क्षेत्र में भारी निवेश की पहल करते हुए इसके संरक्षण हेतु कदम उठाए हैं।

कुछ बिंदु –

  • नेशलन मिशन ऑन बायो डायवर्सिटी एण्ड ह्युमन वेल बींग चलाया गया है। इस मिशन में भारत के जैव विविधता विज्ञान और विभिन्न क्षेत्रों के संरक्षण-संगठनों को जोड़कर काम किया जाएगा।
  • मिशन के द्वारा भारत की प्राकृतिक विरासत को बहाल तथा संरक्षित करने का प्रयत्न किया जाएगा। सभी विकास कार्यक्रमों में जैव-विविधता के संरक्षण पर फोकस होगा। कृषि, पारिस्थितिकी सेवा, स्वास्थ्य, बायो अर्थतंत्र एवं जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में जन एवं नीति आधारित जैव विविधता सूचना तंत्र को स्थान दिया जाएगा।
  • भारत में विश्व की कुल भूमि का केवल 2.3% ऐसा क्षेत्र है, जहाँ विश्व की 8% जैव विविधता को संरक्षण मिला हुआ है। इस मिशन के द्वारा इस क्षेत्र में भारत का विश्व गुरू बन पाने का अवसर प्राप्त हो सकता है।
  • इसके माध्यम से भारत अपनी प्राकृतिक संपदा के खजाने में कई गुना की वृद्धि कर सकता है।
  • मिशन में चलाई जाने वाली न्यूनीकरण योजना से जलवायु परिवर्तन एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  • कृषि में उत्पादन-तंत्र को फिर से जीवंत कर, जैव विविधता आधारित कृषि के द्वारा ग्रामीणों की आय को बढ़ाया जा सकता है।
  • प्राकृतिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं।
  • हमारे भू-भाग की एक तिहाई परती भूमि के उन्नयन के माध्यम से भी अनेक रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं।
  • मिशन के माध्यम से नदियों, वनों तथा मृदा के प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी। जलवायु परिवर्तन से आने वाली आपदाओं के विरोध में जलवायु के प्रति अनुकूलन रखने वाले समुदायों को अग्रणी बनाया जा सकता है।
  • मिशन में ‘वन हैल्थ’ कार्यक्रम के द्वारा मानव स्वास्थ को पशु, वनस्पति, मृदा एवं पारिस्थितिकी के स्वास्थ्य के साथ एकीकृत करके वर्तमान महामारी जैसी आकस्मिक सार्वजनिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है।

जैव विविधता के माध्यम से हम सभी राष्ट्रों के सभी जीवों को एकीकृत करके वाकई मानव सभ्यता के पतन को बचाने का प्रयास कर सकते हैं। हाल ही में हुई जी-7 देशों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का ‘वन-नेशन वन-हैल्थ’ का नारा भी हमारे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय जीवन में जैव विविधता के संरक्षण के महत्व की ओर इंगित करता है।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित कमल बावा के लेख पर आधारित। 5 जून, 2021