रोजगार के संकट से निकलने के उपाय

Afeias
22 Apr 2024
A+ A-

To Download Click Here.

  • भारत के बुनियादी ढांचे के निर्माण से रोजगार के अवसर पैदा तो हो रहे हैं, लेकिन ये बेरोजगारी की बढ़ती दर की तुलना में पर्याप्त नहीं हैं।
  • भारत को सेवा क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त अवसर बनाने की गुंजाइश है। यूरोप व अरब देशों में इसकी मांग है।
  • सेवा क्षेत्र में लिंग, आयु और सामाजिक पूर्वाग्रह ही नौकरी बाजार की असमानता को भी कम किया जा सकता है।
  • अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने भारत के श्रम बाजार की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए हाशिए के समूहों की भागीदारी बढ़ाने की सिफारिश की है। इस हेतु नीति समर्थन की आवश्यकता है।
  • फिलहाल न तो विनिर्माण और न ही सेवा क्षेत्र में, भारत के कृषि क्षेत्र को छोड़कर आने वाले कम कुशल कार्यबल को लगाया जा सकता है। इन्हें आवश्यक कौशल से लैस करना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
  • साथ ही रोजगार सृजन के लिए छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन दिया जा सकता है।

अगर भारत कुछ ऐसे उपाय कर पाता है, तो अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उसको बेरोजगारी का समाधान जल्द मिल सकता है, क्योंकि इसका पैमाना और वैश्विक आउटपुट की प्रकृति तेजी से विकसित होने वाली है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 01 अप्रैल, 2024

Subscribe Our Newsletter