
राष्ट्रीय बिजली नीति में सुधार का प्रस्ताव
Date:19-07-21 To Download Click Here.
2021 का राष्ट्रीय बिजली नीति मसौदा प्रस्तावित किया गया है। यह बिजली अधिनियम 2003 के तहत बिजली उत्पादन, आपूर्ति और निवेश की योजना बनाने के लिए एक मार्गदर्शक नीति है। अपने नवीनतम संशोधन में यह नीति वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने पर जोर देती है।
यूं तो इस क्षेत्र में एक कुशल बाजार और पारदर्शी रूप से बजटीय मदद की आवश्यकता है। परंतु सबसे अधिक आवश्यकता वितरण से संबंधित बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए संसाधन आवंटन में तेजी लाने की है। प्रस्तावित 3.03 लाख करोड़ की योजना में 101000 फीडर, 4 लाख कि.मी. लो-टेंशन ओवरहेड लाइन और प्रीपेड बिजली कनेक्शन के लिए 25 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का प्रावधान है, ताकि बड़े पैमाने पर होने वाली राजस्व के नुकसान को रोका जा सके।
हमें ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने, वोल्टेज में सुधार और बिजली के नुकसान को कम करने के लिए ट्रांसफॉर्मर और कैपेसिटर बैंकों को व्यवस्थित रूप से बदलने की जरूरत है।
ज्ञातव्य हो कि वितरण में तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान अभी 20% है। यह बहुत अधिक है। इसलिए वितरण प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
आधुनिक कैपेसिटर वितरण सर्किट पर पावर फैक्टर और वोल्टेज को समायोजित करके बिजली को अधिक कुशलता से वितरित करने में सहायक होते हैं। उनका इंस्टॉलेशन और प्रतिस्थापन कड़े निरीक्षण से किया जाना चाहिए। बदले में वह बड़ी उत्पादन क्षमताओं के लिए उच्च वोल्टेज डायरेक्ट करंट ट्रांसमिशन लाइनों और अल्ट्रा एच वी डी सी लाइनों जैसे संशोधित आपूर्ति बुनियादी ढांचे के लिए बहुत संभावनाएं खोलेगा।
इस योजना में भाग लेने के लिए राज्यों को बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लेखा परीक्षा वित्तीय परिणामों को प्रकाशित करना होगा। डिस्कॉम को राज्य सरकारों की बकाया राशि के अग्रिम भुगतान का विकल्प चुनना होगा। वास्तविक विद्युत सुधार एक मजबूत अर्थव्यवस्था की कुंजी है, और इसमें देर नहीं की जानी चाहिए।
‘द इकॉनामिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित । 30 जून, 2021