पुलिस कैसी हो ?

Afeias
06 Sep 2021
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Date:06-09-21

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किसी भी देश एवं वहां की कानून व्यवस्था की नींव, उस देश की पुलिस होती है। हमारे देश की पुलिस भी समाज में अहम् भूमिका निभाती है। देश की आम जनता आखिर पुलिस से क्या अपेक्षांए रखती है ?

  • देश के नागरिक मित्रवत् पुलिस चाहते हैं, जो अमीरों और गरीबों के साथ समान व्यवहार करे।
  • ऐसे पुलिस थाने हों, जहाँ बिना रिश्वत के काम हो सके।
  • हमारे देश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को नियंत्रण में रखा जा सके।

इन अपेक्षाओं की पूर्ति हेतु सार्वजनिक पदों पर निष्पक्षता और कौशल के साथ काम करने वाले प्रतिभाशाली अधिकारियों को चुना जाना चाहिए। दुर्भाग्य से, आइपीएस नियुक्तियों के मामले में ऐसा नहीं है। कई अधिकारियों को सत्ताधारी दल के साथ उनके संबंधों और वफादारी के आधार पर बड़े पद दिए जाते हैं।

भारत में आईपीएस अधिकारियों को उनकी नियुक्ति के शुरूआती वर्षों में भी स्वतंत्र जिम्मेदारी उठाने की अपेक्षा की जाती है। यही कारण है कि यह पद न केवल प्रतिष्ठित माना जाता है, बल्कि विश्वविद्यालय से निकले एक युवा के अद्वितीय विश्वास से भी भरा होता है।

हालांकि, वर्तमान में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच ईमानदारी के गिरते स्तर को देखना दुखद हो चला है। ऐसे में उनके कनिष्ठ अधिकारियों के लिए रोल मॉडल की क्या उम्मीद की जा सकती है।

हाल ही में मुंबई के एक पूर्व कमिश्नर के खिलाफ कथित रंगदारी का मामला दर्ज किया गया है। तमिलनाडु में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर एक महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न से संबंधि मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

भारत को एक ऐसे पुलिस बल की आवश्यकता है, जो उत्तरदायी और सम्मानित हो। उसके लिए हमें यह जानने की जरूरत है कि अक्सर समाज के मध्यम और निचले वर्गों से आने वाले अधिकारी भी पुलिस अकादमी के ठोस प्रशिक्षण के बाद पथभ्रष्ट क्यों हो जाते हैं ? यह किसी दोषपूर्ण चयन का परिणाम है, या रोल मॉडल का अभाव है ?

‘द हिंदू’ में प्रकाशित आर. के. राघवन और डी. शिवानंद के लेख पर आधारित। 19 अगस्त, 2021

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