लॉजिस्टिक में गतिशक्ति की शुरूआत

Afeias
02 Nov 2021
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Date:02-11-21

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केंद्र सरकार ने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर योजना गतिशक्ति का शुभारंभ किया है। इस एकीकृत योजना से रेल, सड़क, परिवहन और बंदरगाहों जैसे लॉजिस्टिक क्षेत्र से जुड़े 16 मंत्रालयों को एक साथ लाया जा सकेगा।

गतिशक्ति योजना भारतमाला, सागरमाला और अंतर्देशीय जल-मार्ग जैसी विभिन्न बुनियादी ढांचा योजनाओं को साथ लेकर चलेगी। साथ ही कपड़ा, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, फूड पार्क, मत्स्य और कृषि क्षेत्रों को भी इससे बढ़ावा मिलेगा।

इस योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास में आने वाले विभागीय गतिरोधों को दूर करते हुए बड़े निवेशों से जुड़ी योजनाओं पर त्वरित गति से काम करना है। योजनाओं के समय पर पूरा होने से बड़ी राष्ट्रीय बचत और प्रणालीगत आर्थिक लाभ होगा।

गतिशक्ति योजना का प्रदर्शन क्षमता से कम होगा, अगर यह केवल एक सूचना पोर्टल के रूप में काम करती है। अतः परियोजनाओं के स्वतंत्र मूल्यांकन के लिए इसे आधार बनाया जाना चाहिए।

योजना को साकार करने के लिए इसकी तैयारी उनके मूल्यांकन और अनुमोदन में शामिल संस्थाओं के बीच हितों के टकराव से बचने की आवश्यकता है। साथ ही मजबूत पुनरीक्षण, समीक्षा संरचनाओं और परिचर प्रक्रियाओं को संस्थागत बनाया जाना चाहिए।

यू. के. में गेटवे रिव्यू एक अनिवार्य सहकर्मी समीक्षा प्रक्रिया है। इसी प्रकार नीदरलैण्ड में एम आई आर टी और दक्षिण कोरिया में भी समीक्षा प्रक्रियाएं है। हमें भी सीख लेते हुए हितधारकों द्वारा परियोजना की समीक्षा का प्रावधान रखना चाहिए। तभी हम गतिशक्ति की सफलता का लाभ उठाते हुए आर्थिक प्रगति के नए सोपान प्राप्त कर सकेगें।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 14 अक्टूबर, 2021