बहुआयामी परिवहन : भविष्य की जरूरत है।

Afeias
22 Nov 2018
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Date:22-11-18

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शहरी क्षेत्रों में लगातार बढ़ते प्रदूषण, और उससे जन्मे दमघोंटू वातावरण को देखते हुए नीति आयोग की हाल ही की रिपोर्ट में कुशल, निर्बाध एवं सुविधाजनक परिवहन की जरूरत पर जोर दिया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1980 से लेकर अब तक भारत में परिवहन की मांग आठ गुणा अधिक हो गई है। यह एशिया में सबसे अधिक है। तेजी से बढ़ते शहरीकरण के दौर में, तेज गति वाले परिवहन के साधनों की आवश्यकता भी बढ़ी है।

अतः आधुनिक किस्म के सार्वजनिक परिवहन की मांग बढ़ रही है। इसके लिए स्वच्छ, आरामदायक और भीड़ से राहत देने वाली समग्र सार्वजनिक परिवहन नीति की जरूरत है। थोड़े शब्दों में कहा जाए, तो हमें उच्च तकनीक वाला ऐसा आधुनिक परिवहन तंत्र चाहिए, जो ऑन बोर्ड सेंसर और रोड डिटेक्टर से युक्त हो। इससे भीड़ के समय में टैफिक की स्थिति का पता लगाने और उसका संचालन करने के बारे में पता चल सकेगा। इससे संबंधित मोबाइल एप्प से भी मदद मिल सकती है। संपर्क साधनों में मेट्रो और बस जैसे परिवहन के साधनों पर अधिक निवेश किए जाने की जरूरत है।

आवागमन के साधनों को बेहतर बनाने के लिए परिवहन के अलग-अलग साधनों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ उपयुक्त प्रशासन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। सार्वजनिक परिवहनत तंत्र में ऐसी व्यवस्था हो कि परिवहन के विभिन्न साधन एक बड़े नेटवर्क से सुचारू रूप से जुड़े हुए हों। अलग-अलग तरीकों के परिवहन के साधनों का एकीकृत नेटवर्क व्यवसाय की बढ़ोत्तरी कर सकता है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 15 अक्टूबर, 2018

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