ए आई उद्यत भविष्य की तैयारी

Afeias
04 Apr 2019
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Date:04-04-19

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दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीनी कामकाज, और रोबोट तकनीक से ऑटोमेशन का जाल फैलता जा रहा है। इनमें से काफी कुछ तो शांत प्रवृत्ति से क्रमशः ऐसे आगे बढ़ रहा है, जिसकी अनुभूति भी हमें नहीं हो रही है। ई-मेल में फिल्टर का प्रयोग, स्मार्ट उत्तर, मार्ग निर्धारण एवं शेयर राइड़ के लिए कीमत तय होना आदि अनेक ऐसी सुविधाएं हैं, जो श्रेष्ठतम तकनीक के द्वारा हमारे जीवन में जगह बनाती जा रही हैं।

संपूर्ण विश्व में, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंपनियों का उद्यम पूंजी निवेश गत वर्ष 72 प्रतिशत हो गया। 2018 में यह 9.3 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर रहा है। इंटरनेशनल डाटा कार्पोरेशन के अनुसार 2024 तक संरचना और पुनरावृत्ति वाले आधे रोजगार ऑटोमेटेड हो जाएंगे।

नीति निर्माताओं को चाहिए कि वे आने वाले कल की मांग को पहचानकर अधिक-से-अधिक कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के हिसाब से काम करने के लिए कुशल बनाएं। पिछले कुछ तथ्यों को सार्वजनिक बनाया था। इस पर एक नजर डाली जानी चाहिए-

  • नीति आयोग का मानना है कि ए आई के क्षेत्र में भारत में नेतृत्व करने की क्षमता है। ऐसा मानने के साथ ही उसने ए आई फॉर ऑल का नारा दिया था।
  • नीति आयोग द्वारा निर्देशित ए आई की भारत के पाँच क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है-स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट सिटी और बुनियादी ढांचे, स्मार्ट गतिशीलता और परिवहन।
  • नीति आयोग ने निजता की सुरक्षा के लिए नए नियमों की जरूरत की बात कही है।

वैश्विक परिदृश्य

लिंक्डइन की एक रिपोर्ट के अनुसार अपने कार्यबल को ए आई कुशल बनाने में अमेरिका और चीन के बाद भारत का तीसरा स्थान है। जैसा कि नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्टिगलिट्स ने कहा है ‘‘एआई और रोबोट तकनीक के पास मनुष्य की उत्पादकता को बढ़ा पाने की क्षमता है, लेकिन यह तभी संभव है, जब ए आई का कुशल प्रबंधन किया जाए।’’

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक तो कर्मचारी की जगह ले सकता है, तो दूसरी ओर वह कर्मचारियों के कार्य की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है। अतः इसके प्रसार से पहले उद्योग, सरकार और तकनीक विशेषज्ञों में एक अच्छा सामंजस्य होना चाहिए। नियमन को सही मानकों के साथ स्थापित करके हम निश्चित रूप से स्मार्ट मशीन के अधीन होने के बजाय उससे लाभ ले सकते हैं।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित लॉयड मथाइस के लेख पर आधारित। 15 मार्च 2019

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