छोटे किसानों का हित साधते कृषि सुधार

Afeias
24 Jul 2020
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Date:24-07-20

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हमारा देश कृषि प्रधान है। अधिकांश कृषक छोटी जोत के किसान हैं। 48% की यह जनसंख्या ही देशभर के अन्नकोष को भरती है। इसी के चलते पिछले कुछ महीनों में आवश्यक वस्तु अधिनियम या एसेंसशियल कमोडिटी एक्ट (ईसीए) में संशोधन और कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सरलीकरण) अध्यादेश 2020 लाया गया है। इनका उद्देश्य‍ ‘कृषक पहले’ की नीति पर चलते हुए कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाना , विपणन श्रृंखला में विकल्प खोलना , एक राष्ट्रीय बाजार को सुदृढ़ करना , बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करना , मार्केट के संपर्क बढ़ाना , और खाद्यान्न के स्टॉक प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।

देश के छोटे किसानों की सालाना प्रतिव्यक्ति आय लगभग पन्द्रह हजार रुपये है , जो राष्ट्रीय औसत का 1/5 वां हिस्सा है। इन किसानों के लिए ए पी एम सी के बाजारों तक पहुँच पाना कठिन होता है। अत: ये अपनी ऊपज 50 कि.मी. के दायरे में रहने वाले अनौपचारिक बाजारों में ही बेचने को मजबूर रहते हैं। भौगोलिक दूरी इन किसानों का आर्थिक प्रारब्ध बन जाती है। इसके अलावा इन किसानों को एक विनियमित बाजार चाहिए , जो तरल हो , भरोसेमंद ग्राहक हों , जल्दबाजी में बिक्री से बचने के लिए सुरक्षित और सस्ती  भंडारण सुविधा हो , गुणवत्ता प्रबंधन तकनीक और कार्यशील पूंजी हो।

नवीनतम सुधार इनमें से कई मांगों के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं। इलैक्ट्रानिक प्लेटफॉर्म हमेशा चालू रहते हैं। इससे ग्राहकों को खोजना आसान है। ये सूचना-विषमता को दूर करते हैं , बड़े लेन-देन को संभालते हैं , जोखिम-प्रबंधन , मौसम की जानकारी और फसल प्रबंधन सेवाएं प्रदान करते हैं। यह सब किसानों को मोबाइल फोन के जरिए उपलब्ध हो सकता है।

किसानों को गोदामों और कोल्ड स्टोरेज पर बिक्री की अनुमति देना , आवश्यक वस्तु कानून में सुधार, खेतों के पास आधुनिक भंडारण की सुविधा देना , स्टो‍रेज से स्टोरेज आधारित क्रेडिट को आकर्षित करना (इसे फिनटेक ब्लॉकचेन और ए. आई. व्दा‍रा आसान बनाया गया है) , खुदरा विक्रेताओं , बड़े प्रोसेसर और समन्वित आधुनिक आपूर्ति श्रंखलाओं को आकर्षित करने के लिए भंडारण का विस्तार करना; 10000 किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना के मिशन को लेकर चलना; कुछ ऐसे कदम हैं , जिनसे छोटे किसानों को बाजार के लिए तैयार किया जा सकेगा।

इस दिशा में अगला सुधार एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (ए पी एम सी) व्दारा नियमित बाजार तंत्र में किया जाना चाहिए। इस तंत्र से लगभग 8 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। अगर ए पी एम सी और डिजीटल मार्केट एक साथ काम करने  ,तो छोटे किसानों को और अधिक लाभ हो सकता है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित निधि नाथ श्रीनिवास और पूर्वी मेहता के लेख पर आधारित। 9 जुलाई , 2020

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