गृह निर्माण क्षेत्र में सुधार
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7.5 से भी अधिक की तीव्र विकास गति के बावजूद देश रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करा पाने में अक्षम सिद्ध हो रहा है।
इसका एक बड़ा कारण पिछले कुछ वर्षों से गृह निर्माण के क्षेत्र में आई भयानक मंदी है, जो रोजगार उपलब्ध कराने वाला सबसे बड़ा सेक्टर है।
आशा की जाती है कि सरकार द्वारा पारित रियल स्टेट विधेयक इस दिशा में उपयोगी सिद्ध होगा।
तथापि इस क्षेत्र में निम्न सुधारों की भी आवश्यकता अनुभव की जा रही है।
- जमीन के रिकार्ड को डिजिटाइज करके उसके मालिकाना हक को पारदर्शी, सुरक्षित एवं वैध बनाया जाना चाहिए।
- सम्पत्ति के हस्तांतरण में चुकाये जाने वाले स्टैम्प ड्यूटी को कम करके इसे वैश्विक स्तर पर लाने की जरूरत है। राज्यों द्वारा लिया जाने वाला यह कर अभी बहुत अधिक है।
- जमीन हस्तांरण एवं मकान निर्माण संबंधी स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए।
- सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों; जैसे रेलवे के पास बहुत सी कीमती जमीन बेकार पड़ी है। सरकार को इनके उपयोग के बारे में सोचना चाहिए।
- ‘गृह निर्माण’ के कार्य को ‘आधारभूत ढाँचा’ की श्रेणी दी जानी चाहिए, ताकि इसे सरकारी नीतियों का लाभ मिल सके।
गुरूचरण दास के विचारों पर आधारित
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