भारत का एक सराहनीय प्रयास
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हाल ही में श्रीलंका के परिवहन मंत्री ने एक इंटरसिटी ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया है। महत्वपूर्ण यह है कि इसे भारत के सहयोग से बनाया गया है। दूसरे, इसका उद्घाटन तब किया गया, जब चीन के विदेश मंत्री कोलंबो में ही थे। ज्ञातव्य हो कि चीन अपनी नीतियों के द्वारा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आने वाले भारत के अपने पड़ोसी देशों को ऋण देकर उन्हें अपना आश्रित बनाने के प्रयत्न में है। इन स्थितियों में भारत का यह प्रयास, चीन के लिए एक संदेश का काम कर रहा है।
भारत के कई पड़ोसी देशों एवं अनेक विकासशील देशों में लागत, अन्य देशों तक पहुंच एवं जलवायु के प्रति संवेदनशीलता जैसे कई बड़े मुद्दे है। इन देशों को बुनियादी ढांचा खड़ा करने व अन्य मुद्दों पर मदद के द्वारा भारत इनका विश्वसनीय साझेदार बन सकता है।
इस नेतृत्व में भारत की भूमिका, चीन के दृष्टिकोण से निःसंदेह अलग होगी। अतः श्रीलंका में अपने प्रयास की तरह ही भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के अलावा अफ्रीका तक अपनी साझेदारी का विस्तार करना चाहिए। श्रीलंका के उदाहरण से सीखकर अन्य देश भी संतुलन बनाने का प्रयत्न करेंगे, और चीन के जाल में फंसने से बचेंगे।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 14 जनवरी, 2022