ट्रंप का कार्यकाल 2.0 कैसा होगा

Afeias
13 Feb 2025
A+ A-

To Download Click Here.

संयुक्त राज्य अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल 2.0 शुरू हो चुका है। इसके साथ ही अंतरर्राष्ट्रीय कानूनी व्यववस्था में बड़े बदलावों की शुरूआत हो गई है।

कुछ बिंदु –

  • अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रमुख संस्थानों, उनके मानदंडों, प्राथमिकताओं और उनके एजेंडा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब ट्रंप के राज में उन्हीं संस्थाओं में से कुछ से वह अलग हो रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था चरमराने लगेगी है। इनमें पेरिस जलवायु समझौता, विश्व व्यापार संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी कुछ प्रमुख संस्थाएं हैं।
  • ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ के नारे के साथ घोर राष्ट्रवादी नेता हैं। वे बहुपक्षीय संधियों के बजाय द्विपक्षीय संधि और वार्ता में अधिक विश्वास रखते हैं। उन्होंने टैरिफ में बढ़ोत्तरी और अन्य संरक्षणवादी उपायों का उपयोग करके, अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी है।
  • ग्रीनलैंड और पनामा नहर को खरीदने के साथ कनाडा को अमेरिका के 51वें राज्य के रूप में शामिल करने की उनकी घोषणा, 18-19वीं सदी के उस दौर की याद दिलाती है, जब महाशक्तियां कूटनीति और बल प्रयोग के सहारे संप्रभु क्षेत्रों पर अधिकार कर लेती थीं। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(7) का उल्लंघन होगा। ट्रंप के ऐसे दृष्टिकोण से रूस और चीन को अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
  • अमेरिका के कानूनविदों को भरोसा है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मामले में कही गई ट्रंप की अनेक बातों पर वहाँ के अधिकारी लगाम लगा सकते हैं। लेकिन इस कार्यकाल में उनके बहुमत को देखते हुए आशंका भी होती है कि वे अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने में कहीं सफल न हो जाएं। ऐसी स्थिति में अन्य देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आपस में सहयोग करना चाहिए।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित प्रकाश रंजन और राहुल मोहंती के लेख पर आधारित। 22 जनवरी, 2025