विकसित भारत के लिए तय करें प्राथमिकताएँ
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परिचय –
हमारी प्रति व्यक्ति आय 2390 अमेरिकी डॉलर है। इसको उच्च आय वाले देशों के बराबर पहुँचने में अभी बहुत समय लग सकता है। इसके लिए हमें बेहतर मानव संसाधन, बेहतर तकनीक व अधिक ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।
विकसित भारत के लिए हमें राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण, बेहतर मानव पूँजी, भूमि, श्रम एवं पूँजी बाजार संबंधी कई सुधार करने होगें। लेकिन दो विषयों पर सबसे पहले कार्य किया जाना चाहिए –
1) प्राथमिक शिक्षा –
चूँकि एक औसत श्रमिक की श्रम उत्पादकता आज की तुलना में अधिक होनी चाहिए, इसीलिए प्राथमिक शिक्षा में सुधार आवश्यक है।
- हमें शिक्षकों, कक्षाओं में सुविधाओं एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण आदि पर अधिक धन खर्च करने की जरुरत है।
- कला, क्राफ्ट, संगीत व अन्य पठनेत्तर गतिविधियों को प्राथमिक शिक्षा में बढ़ावा देना चाहिए।
- डिजिटल तकनीकि के बेहतर प्रयोग से शिक्षक और विद्यार्थियों की निगरानी, सतत प्रशिक्षण व सुधार तथा हर बच्चे की प्रगति पर नजर रखी जानी चाहिए।
- अगर प्राथमिक शिक्षा अच्छी नही है, तो कौशल प्रशिक्षण पर किए धन खर्च के भी वांछित परिणाम नही मिलते हैं।
- अगर बिना अच्छी शिक्षा वाला विकसित भारत बना भी, तो वह असमानता तथा कम प्रगतिशील वाला भारत होगा।
2) कृषि भंडारण और लॉजिस्टिक्स –
मौसम की अनिश्चित स्थिति तथा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए इस पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।
- हमारे यहाँ लॉजिस्टिक्स से जुड़े हुए वेयरहाउस तथा कोल्ड स्टोरेज का बड़़ा नेटवर्क होना चाहिए।
- भंडारण सुविधाएँ उपलब्ध होने से किसानों की आढ़तियों पर निर्भरता कम होगी, किसान सशक्त होंगे तथा खाद्य कीमतों में उतार चढ़ाव घटेगा।
- शीत गृह अधिक होने से हम जल्दी खराब होने वाले उत्पादों का उत्पादन कर सकेंगे। उनकी मदद से किसान खाद्यान्न के अतिरिक्त अन्य उत्पादन कर सकेंगे।
- चूँकि तकनीक, उत्पादन और प्रक्रिया के प्रसार में समय लगेगा, इसीलिए ये कार्य अभी से शुरु होने चाहिए।
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