संसद में लिंगानुपात की शर्मनाक स्थिति
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लैंगिक समानता के मामले में भारत दो पायदान नीचे खिसक गया है। 146 देशों की सूची में भारत 129वें स्थान पर है।
– हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव भी भारत में लैंगिक समानता से जुड़े पिछडेपन की छवि दिखाते हैं।
– देश में हो चुके 18 लोकसभा चुनावों के बाद भी संसद में केवल 74 महिला सांसद हैं। यानि कि केवल 13% महिला सांसद हैं।
– महिला मतदाताओं की जनसंख्या 31.2 करोड़ है। कुल 64.2 करोड़ मतदाताओं में यह 48% ठहरती है।
– इन चुनावों में 10% से भी कम उम्मीदवार महिलाएं थीं, और 155 निर्वाचन क्षत्रों में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं थी।
राजनीतिक दल बहुत धीमी गति से महिलाओं को मैदान में उतार रहे हैं। उन्हें इसकी गति बढ़ानी चाहिए। अधिक महिलाओं को मतदाता सूची में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 8 जून, 2024