राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से विकलांगता का हटाया जाना

Afeias
31 Jul 2023
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हाल ही में सरकार ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से विकलांगता-केंद्रित प्रश्नों को हटाने का निर्णय लिया है। इस बारे में सरकार का कहना है कि जुलाई और दिसंबर, 2018 के 76वें नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण में इससे संबंधित विशिष्ट सूचना एकत्रित करके सार्वजनिक रूप से प्रकाशित की जा चुकी है, और विकलांगता डेटा में बहुत जल्द कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। जबकि यह एक गलत अनुमान हो सकता है। सरकार के इस कदम से सामाजिक विकास का लक्ष्य कैसे प्रभावित हो सकता है –

  • नीति निर्माण और उसके आधार पर निर्णयों को प्रभावित करने में डेटा का महत्व निर्विवाद है।
  • कल्याणकारी नीतियों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए देश में विभिन्न मापदंडों का समय-समय पर जायजा लिया जाना जरूरी होता है।
  • सर्वेक्षण से इसे हटा देने से विकलांगों के जीवन और जरूरतों की बारीकियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद नहीं मिल सकेगी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 6.1 लाख सैंपल परिवारों से विस्तृत जानकारी ली जाती है। यह विकलांगों के जीवन की विशिष्टताओं को समझने में जितनी मदद कर सकती हैए उतनी मदद नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण से नहीं मिल सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 5वें परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से भी उन्हें उतनी विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है, जितनी कि उन्हें जरूरत थी। इसके लिए सर्वेक्षण स्टाफ को बेहतर प्रशिक्षण देने, और विकलांगता पर प्रश्न-तालिका को विस्तृत करने की आवश्यकता है। लेकिन सर्वेक्षण से 2.68 करोड़ विकलांगों के एक पूरे वर्ग को दूर करना न्यायसंगत नहीं हो सकता है।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 3 जुलाई, 2023

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