पीएलआइ – उत्पादन लिंकेज इन्सेंटिव ( PLI – Production Linked Incentive )

Afeias
23 Mar 2024
A+ A-

To Download Click Here.

उद्योगों को उत्पादन की वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रेरित करने के लिए, भारत सरकार ने PLI योजना शुरू की है, जिसके तहत उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।

कई अलग-अलग उद्योगों के लिए PLI कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। परंतु उनमें निजी निवेश में वृद्धि अनुमान से कम रही है।

उदाहरण – ‘कपड़ा उद्योग’

यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ श्रम का बहुत अधिक इस्तेमाल होता है, जो रोजगार वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। PLI के अंतर्गत होते हुए भी इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि इस क्षेत्र में रोजगार के रूझान में कोई परिवर्तन आएगा।

असफलताओं के प्रमुख कारण –

1) एक अंतर मंत्रालय पैनल द्वारा योजनाओं की समीक्षा के मुताबिक कई क्षेत्रों में निवेश कमजोर है।

2) वास्तविक समस्या PLI योजना के समुचित मानक नहीं है, बल्कि यह उम्मीद है कि यह गहरे सुधारों की कमी पूरी करेगी।

3) भारत ने अधोसंरचना बनाने और नियमों को सहज बनाने पर ध्यान दिया है। परंतु व्यापार नीति काफी हद तक अप्रत्याशित रही है और श्रम शक्ति में भी वांछित विकास नही हुआ है।

4) ऐसे न्यायिक या प्रशासनिक सुधार भी नहीं हुए हैं, जो कारोबारों को यह भरोसा दे सकें कि नियमों को लागू किया ही जाएगा।

आगे की राह –

         1) कई क्षेत्रों में गहन नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है।

         2) PLI योजनाओं के लिए अलग की गई राशि के बारे में बात करने के बजाय हर कमजोर क्षेत्र के संभावित निवेशकों की वास्तविक चिंताओं को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

         3) PLI कार्यक्रम समस्या का हल नहीं है और उन्हें खुली पेशकश भी नहीं मानना चाहिए।

        4) श्रम आधारित निर्यात बढ़ाने का इकलौता तरीका कारोबारियों के अनुकूल हालात बनाना है।

                                                                                                                                            ****