भारत का वैश्विक पर्यटन केंद्र बनना आसान
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- भारत में जो विरासत, संस्कृति, प्रकृति, अध्यात्मिक संपदा और विविधता है, वह किसी अन्य देश में नहीं है। हम वैदिक काल से ‘अतिथि देवो भव‘ और ‘वसुधैव कुटंबकम‘ में विश्वास करते आए हैं। इसलिए भारत एक ऐसा देश होना चाहिए, जहाँ दुनिया के सबसे ज्यादा पर्यटक आते हो।
- इस मामले में एकमात्र कमी हमारे ‘दूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर’ में है।
- पर्यटन बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने में सक्षम है। यह ऐसा सेक्टर है, जहाँ बड़ी संख्या में काम करने वाले लोगों की जरूरत होगी।
- पर्यटन विदेशी आय का प्रमुख स्त्रोत भी है।
भारत को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं –
- अधिक निजी भागीदारी और सरकार का विकेंद्रीकृत नजरिया बहुत बड़ी वैल्यू को अनलॉक कर सकता है।
- अग्रणी पर्यटन केन्द्र बनने में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य क्वालिटी, सुविधा और सुरक्षा के वैश्विक मानकों को अपनाना है।
- पर्यटक स्थलों पर सभी बजट के यात्रियों के लिए अलग-अलग स्टार कैटेगरी में वर्ल्ड क्लास होटल होने चाहिए।
- पर्याप्त संख्या में अच्छे एयरपोर्ट होने चाहिए। इसके अतिरिक्त हवाई मार्ग से सस्ती कनेक्टिविटी की भी जरूरत है।
आधुनिक रेल्वे स्टेशनों का भी निर्माण किया जाए।
साथ ही प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे भी होने चाहिए।
- सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, न सिर्फ पुलिस की मौजूदगी के संदर्भ में, बल्कि लाइटिंग सिस्टम जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी।
- केंद्र या राज्य सरकारों की एजेंसियों के माध्यम से चलाये जा रहे हॉटलों को लंबी लीज पर प्राइवेट सेक्टर को दिया जा सकता है।
- निजीकरण के लिए चुनिंदा एयरपोटर्स और रेल्वे स्टेशनों की पहचान पहले से ही की जा चुकी है। इसमें भी तेजी लाई जानी चाहिए।
पर्यटन के निजीकरण से प्रतिस्पर्धा, नयापन और दक्षता बढ़ेगी। इससे ज्यादा पर्यटक आकर्षित होंगे। टूरिज्म में पब्लिक-प्रायवेट-पार्टनरशिप का स्वागत करके भारत आसानी से दुनिया के उन टॉप-3 देशों में शुमार हो सकता है, जहाँ सबसे ज्यादा विदेशी सैलानी आते हैं।
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