
भारत में पर्यटन के विकास से जुड़ी अपार संभावनाएं
- भारत का यात्रा और पर्यटन उद्योग एक चौराहे पर खड़ा है।
- फरवरी 2025 की पीआईबी रिपोर्ट बताती है कि सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान फिर से 5% पर आ गया है।
- चालू वित्त वर्ष के बजट में, सरकार ने राज्यों के साथ साझेदारी में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित करने की पहल की है। इसमें बुनियादी ढाँचे की मजबूती, यात्रा की परेशानियों को कम करना और कनेक्टिविटी को मजबूत करना प्रमुख हैं।
- भारतीय अधिक समृद्ध हो रहे हैं। जहां एक ओर वे विदेश यात्राएं ज्यादा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर घरेलू यात्राएं भी बढ़ रही हैं। धार्मिक पर्यटन और डेस्टीनेशन वैडिंग का चलन काफी बढ़ गया है।
फिलहाल विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी है। इसका कारण वायु गुणवत्ता, सुरक्षा संबंधी चिंताएं, बढ़ती भीड़, सफाई की कमी तथा ठगी जैसी समस्याएं हैं।
- विदेशी पर्यटकों को देश में बुलाने के लिए यथासंभव प्रयास किए जाने चाहिए। साथ ही, देश में चल रहे धार्मिक पर्यटन को उचित उद्योग बनाया जाना चाहिए। इस हेतु प्रचार-प्रसार आवश्यक है। महाकुंभ के आयोजन ने उदाहरण सामने रखा है।
- कई केंद्रों को जोड़ने वाले पैकेज बनाए जाने चाहिए। अयोध्या-प्रयागराज-वाराणसी जैसे और भी लोकप्रिय सर्किट बनाए जा सकते हैं।
- आरामदायक इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्याप्त आवास विकसित करना जरूरी है। राजस्थान, गोवा और केरल जैसे शीष पर्यटन स्थलों जैसा बुनियादी ढांचा धार्मिक स्थलों पर भी बनाया जाना चाहिए। कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर, भारत में धार्मिक स्थलों के साथ पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। इनका पर्याप्त विकास किया जाना चाहिए।
समाचार पत्रों पर आधारित। 25 मार्च, 2025