पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में विकास पर ध्यान दिया जाए

Afeias
08 Nov 2021
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Date:08-11-21

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कोविड 19 महामारी के चलते भारत में पर्यटन और आतिथ्य से जुड़े क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में रोजगार के तमाम अवसरों की हानि हुई है। इसकी क्षतिपूर्ति हेतु सरकार अपनी ओर से प्रयासरत है। इसके बावजूद क्षेत्र की क्षमताओं का सार्थक उपयोग करने के लिए इसमें आने वाली चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है।

पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र का महत्व –

  • योजना आयोग के अनुमान के अनुसार यह क्षेत्र में 10 लाख निवेश पर 18 और कृषि क्षेत्र के 45 की तुलना में 78 रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
  • कई अन्य क्षेत्रों के विपरीत पर्यटन क्षेत्र छोटे पूंजी निवेश के साथ विकसित हो सकता है, और वह भी बिना किसी औद्योगिक अवधि के। इसके कारण इस क्षेत्र में विकास का आय पर कई गुना प्रभाव पड़ता है।
  • यदि इस क्षेत्र के वैश्विक परिदृश्य को देखें, तो प्रतिस्पर्धा में भारत ने 2013 के 65वें स्थान से छलांग लगाकर 2019 में 34वां स्थान प्राप्त कर लिया था।

चुनौतियां –

  • क्षेत्र में होने वाले विकास के बावजूद अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 90 लाख से एक करोड़ ही है। अतः बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर बल दिया जाना चाहिए। इससे शहरों के बीच आपसी संपर्क के साधन बढ़ सकते हैं।
  • भारत में यह क्षेत्र खंडित या बिखरा हुआ है। इससे क्षेत्र की क्षमता का पूरा उपयोग नही हो पा रहा है।
  • इस क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की कमी है। इस हेतु ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाया जाना चाहिए। ब्लॉकचेन-आधारित मनी सॉल्यूशंन के दुनिया भर में उदाहरण हैं। भारतीय स्टार्ट अप भी इसी तर्ज पर रणनीतियों का पता लगाकर यात्रा, पर्यटन एवं आतिथ्य को सुगम बना सकते हैं। इससे मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिल सकता है।

सरकारी प्रयास –

  • भारत सरकार ने हाल ही में 11,000 से अधिक पंजीकृत पर्यटक गाइडों / यात्रा और पर्यटन हित धारकों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
  • यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा बहाल होने के बाद, पहले पांच लाख पर्यटकों को मुफ्त वीज़ा जारी किया जाएगा।
  • महामारी से पहले भी पर्यटन उद्योग को बढावा देने के लिए कई कदम उठाए गए थे, जैसे; विशेष देशों के लोगों के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत ई-वीजा प्रदान करना, ग्लोबल मीडिया कैंपेन, हेरिटेज ट्रेन और पर्यटन पर्व उत्सव का आयोजन आदि।

इन उपायों के अलावा भी एक नवाचार रणनीति की आवश्यकता है, जिसमें निजी क्षेत्र के विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता हो। इनोवेटिव स्टार्ट अप्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस प्रकार के दीर्घकालिक उपायो से क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखा जा सकता है।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित सुरजित कार्तिकेयन के लेख पर आधारित। 13 अक्टूबर, 2021