
नवाचार या वित्तीय पूँजी : क्या है अधिक महत्वपूर्ण
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हाल ही में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, “आज किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए एक करोड़ रु. भी पर्याप्त नहीं है।” तो आइये हम जानने की कोशिश करते हैं कि व्यवसाय के लिए सिर्फ पूँजी चाहिए या अन्य चीजों की भी आवश्यकता होती है।
- भारत में 1.4 लाख से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं। इसमें से अधिकांश स्टार्टअप मामूली अनुसंधान, अनुदान या व्यक्तिगत बचत पर निर्भर हैं। इनोवेशन हमेशा ज्यादा पूँजी की तुलना में असाधारण शक्ति प्रदान करता है।
- ज्यादातर स्टार्टअप छोटे अनुदान से शुरू होते हैं, जो सरकारी या गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा दिये जाते हैं। इससे लैब स्केल प्रोटोटाइप विकसित किया जाता है। इसी आधार पर एंजल निवेशकों तक उद्यमियों की पहुँच हो पाती है। इसके बाद बड़ी फंडिंग मिल पाती है।
- इस कड़ी में कैपिटल वेंचर उद्योग अहम् भूमिका निभाते हैं। जिसने सिलिकान वैली जैसे उद्यमों की सफलता सुनिश्चित की है। वेंचर कैपिटल में 1750 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं, जो प्रतिवर्ष 2 लाख करोड़ का निवेश करती हैं।
- आज इनमोबी और जोहो जैसी कंपनियाँ हैं, जिन्होंने केवल पूँजी ही, नहीं बल्कि अभिनव क्षमताओं के आधार पर विश्व पटल पर अपना नाम स्थापित किया है। मुंबई के प्रसिद्ध डिब्बेवाले भी इसी श्रेणी में आते हैं।
- बौद्धिक संपदा से न केवल संपदा सृजन, बल्कि प्रतिस्पर्धा और विकास में भी मदद मिलती है। WIPO के अनुसार 2020 में वैश्विक आईपी सम्पत्तियों का मूल्य 100 ट्रि. से अधिक था और उसमें अभी भी वृद्धि जारी है। 2013-14 से 2023-24 तक भारत में स्टार्टअप फाइलिंग में 5 गुना वृद्धि हुई है।
- अनुमान है कि स्टार्टअप इकोसिस्टम 2025 तक 1 करोड़ से अधिक नौकरियाँ सृजित करेगा। एक सर्वे के अनुसार 58% छात्र पारंपरिक करियर के बजाय स्टार्टअप शुरू करना चाहते है।
- 2023 में DPIIT के साथ 70000 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हुए, जिसमें से अधिकांश 30 साल से कम उम्र के संस्थापक हैं। टियर-2 व टियर-3 शहरों में भी 30% स्टार्टअप सक्रिय है। ये स्टार्टअप 5 लाख से ज्यादा नौकरियाँ सृजित कर रहे हैं।
उपरोक्त के आधार पर हम कह सकते हैं कि व्यवसाय की सफलता पूँजी से अधिक आपके विचारों पर निर्भर करती है।
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