लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया के मायने और भारत में उनका पतन

Afeias
17 Apr 2024
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  • अपने मूल में लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया का मतलब शासन परिवर्तन या ‘प्रतिरोध‘ नहीं है। इसका उद्देश्य रचनात्मक सहयोग को सुगम बनाना है। इसमें सत्ता पर कब्जा करना और शासन परिवर्तन एक हिस्सा है।
  • इस तरह देखा जाए तो लोकतांत्रिक राजनीति कुछ मामलों के पक्ष में आम सहमति बनाने और सामूहिक कार्रवाई के लिए मंच प्रदान करती है।
  • आम सहमति बनाने के लिए सार्वजनिक विचार-विमर्श, नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) और राजनीतिक दल ऐसे पड़ाव हैं, जो मामले पर की जाने वाली कार्रवाई को संरचनात्मक रूप से अवरूद्ध करते हैं। फिर उसे सर्वोत्तम रूप में जन कल्याण हेतु सामने लाते है।

लोकतांत्रिक पतन की ओर जाते हम –

  • सार्वजनिक मुद्दों पर भी आज हम या हमारे प्रतिनिधि आक्रोश, विरोध या इस्तीफे से आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
  • कई समाचार मीडिया ने विश्वसनीयता खो दी है। वे तथ्यों को जनता के सामने रखने में असमर्थ हैं।
  • सोशल मीडिया के उदय ने सागग्री के निर्माण और प्रचार को विकेंद्रीकृत कर दिया है। अब सामग्री की गुणवत्ता या सत्यता की जगह उसके वायरल होने पर जोर दिया जा रहा है।
  • मुख्य मीडिया में विश्वसनीयता खोने के साथ ही सारे विचार विमर्श और संवाद एक ओर झुके हुए लगने लगे हैं।
  • नागरिक समाज की समस्त कार्रवाईयां सरकार के अनुमोदन पर की जाने लगी हैं।

‘द हिंदू‘ में प्रकाशित रूचि गुप्ता के लेख पर आधारित। 27 मार्च, 2024