कृषि क्षेत्र में डेटा क्रांति का प्रस्ताव

Afeias
27 Oct 2021
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Date:27-10-21

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इस वर्ष जून में, भारतीय कृषि से संबंधित दो परामर्श पत्र जारी किये गये थे। एक पत्र इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर (आइडिइए) से संबंधित है, जिसमे कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के बारे में बात की गई है। यह मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। दूसरा पत्र निजी संगठन, बन एण्ड कंपनी द्वारा जारी किया गया है, जो कृषि-लॉजिस्टिक ऑफ टेक और कृषि इनपुट 2025 तक क्रांतिकारी निवेश वृद्धि की भविष्यवाणी करता है।

  • आइडिइए पत्र का मुख्य प्रस्ताव, कृषि-तकनीक व कृषि उद्योग में निहित फार्मिंग एवं खाद्यान्नों के एकीकरण के माध्यम से कृषकों एवं उनकी आजीविका को बेहतर बनाना है। इस हेतु वह डेटा की स्वतंत्रता पर जोर देता है। इस प्रस्ताव के अनुसार डेटा की उपलब्धता से ही किसानों और व्यापार के बीच तादात्म्य स्थापित किया जा सकता है।

आई टी उद्योग इस प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं करता है। आधार कार्ड की तरह ही किसानों के डेटा की उपलब्धता हेतु कृषक आई डी तैयार किए जाने से डेटा के दुरूपयोग की संभावना व्यक्त की गई है।

  • बेन रिपोर्ट के अनुसार निवेश की अधिकता से किसानों के लाभ की संभावना व्यक्त की गई है। रिपोर्ट यह स्पष्ट नहीं करती कि यह लाभ कैसे होगा।

दोनों ही रिपार्टों में कृषि में डिजिटल क्रांति द्वारा किसानों का भविष्य संवारने पर बहुत जोर दिया गया है। इसकी सामाजिक एवं राजनीतिक जटिलताओं को देखते हुए, हम केवल प्रौद्योगिकी सुधारों और कृषि-व्यवसाय निवेश पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। किसानों की क्षमता को बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता से युक्त किसान संघों और किसान उत्पादक संगठनों को माध्यम बनाया जा सकता है। देश में कृषि की व्यापकता को देखते हुए यह आसान नहीं होगा। लेकिन प्रयास जारी रहने चाहिए।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित जयहारी के.एम.एवं.ए अरूणाचलम के लेख पर आधारित। 8 अक्टूबर, 2021 

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