खेल निकायों में खराब प्रशासन का नतीजा
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हाल ही में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन फुटबॉल या फीफा ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन या एआईएफएफ को निलंबित कर दिया है।
निलंबन का कारण –
- फीफा ने इस मामले में ‘तीसरा पक्ष द्वारा अनुचित हस्तक्षेप’ का हवाला देते हुए ऐसा कदम उठाया है।
- यह तीसरा पक्ष भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नामित कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स या सीओए था, जिसका गठन मई में अस्थायी रूप से एआईएफएफ का कार्यभार संभालने और एक नए संविधान को अंतिम रूप देने के लिए किया गया था।
- सीओए ने खिलाड़ियों को नई कार्यकारिणी में मतदान के साथ 50% प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया था, जबकि फीफा इसे 25% पर ही रखना चाहता था।
सीओए की मंशा पर संदेह नहीं किया जा सकता। चूंकि भारतीय खेलों की खेल संहिता में निर्धारित मानदंड़ों का उल्लंघन बड़े पैमाने पर किया जाता है, इसलिए इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय को दखल देना पड़ा। यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है। सीओए का निर्णय भी ऐसे ही कुछ मानदंड़ों के टूटने का परिणाम रहा है, जिसको संभालना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 18 अगस्त, 2022