इंडिया-प्लस के लिए नए द्वार खोलता चाबहार

Afeias
07 Jun 2024
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हाल ही में भारत ने 10 वर्ष की अवधि के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।

इससे जुड़े मुख्य बिंदु –

चाबहार, ईरान का एकमात्र गहरा बंदरगाह है, जिसकी समुद्र तक सीधी पहुँच है। यह होर्मुज जलडमरूमध्य से परे स्थित है।

अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा परियोजना के साथ इसके एकीकरण को देखते हुए, यह व्यापार व्यवधानों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे पारगमन समय कम होगा, और माल ढुलाई लागत में लगभग 30% की कटौती होगी।

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में यह भारत की भूमिका को बढ़ाएगा।

मानवीय सहायता शिपमेंट के लिए यह एक प्रवेश द्वार प्रदान करेगा।

यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाएगा। तेल और गैस के आयात मार्गों के विकल्प प्रदान करके यह प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच को बढाएगा।

यह पारंपरिक आयात मार्गों में आ रहे खतरों से अलग, एक सुरक्षित आयात मार्ग उपलब्ध कराता है।

इससे भारत के क्षेत्रीय संपर्क, मध्य एशिया के देशों और अफगानिस्तान के साथ व्यापार का हिसाब-किताब बदल सकता है।

यह एक ऐसा विकल्प है, जो चीन ओर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को बायपास कर सकता है।

यह भारत को पश्चिम एशिया, हिंद महासागर और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में सुविधाजनक स्थान देता है।

रणनीतिक दृष्टि से देखें, तो भारत की उपस्थिति ईरान एवं पश्चिम एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन दे सकती है।

इससे भारत को इस क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षी दृष्टि का मुकाबला करने के लिए मजबूत आधार मिल सकता है।

यह उन सभी देशों के लिए लाभकारी है, जो एक स्वतंत्र और खुले नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था चाहते हैं।

द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 15 मई, 2024

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