
गरीबी को धीरे-धीरे कम करता भारत
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भारत विकसित होने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। इस लक्ष्य में गरीबी को कम करना एक महत्वपूर्ण घटक है। इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –
- विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत ने पिछले दशक में 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला हैं।
- देश की आबादी का केवल 2.3% हिस्सा निर्धनता के वैश्विक अनुमान के अनुसार निर्धन बचा रह गया है।
- इस अवधि में 37.8 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
- इसके साथ ही देश निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या अगले छह वर्षों में भारत अपनी एक चौथाई आबादी को निम्न मध्यम आय वाले वर्ग से ऊपर उठा पाएगा। यह इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि प्रति व्यक्ति आय के उच्च मध्यम आय की सीमा को पार करने का अनुमान है।
- अर्थव्यवस्था के विकास के साथ आय के पुनर्वितरण पर भी समान जोर होना चाहिए। इस हेतु रोजगार बढ़ाने की जरूरत है। एक सामाजिक सुरक्षा तंत्र की जरूरत है। इसके लिए उत्पादकता और कल्याण कार्यक्रम में सुधार किए जाने चाहिए।
भारत को एक कठोर सामाजिक सुरक्षा संरचना लागू करने की आवश्यकता है; एक ऐसा तंत्र, जो लोगों को वापस गरीबी में जाने से रोक सके।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 28 अप्रैल, 2025