फ्रांस में गर्भपात अधिकार दिए जाने के दूरगामी प्रभाव
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हाल ही में फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में संवैधानिक संशोधन करते हुए गर्भपात को एक मौलिक अधिकार बना दिया है। इसके महत्व से जुड़े कुछ बिंदु –
- इस कदम के साथ ही फ्रांस अपने राष्ट्रीय चार्टर में गर्भपात की गांरटी देने वाला पहला देश बन गया है।
- कैथौलिक बिशप और वेटिकन का मानना है कि सार्वभौमिक मानवाधिकारों के युग में किसी मानव जीवन को लेने का कोई ‘अधिकार’ नहीं हो सकता। लेकिन 86% जनता ने गर्भपात के फैसले का समर्थन किया है।
- यह फैसला दर्शाता है कि फ्रांसीसी राजनीति और समाज ने शासन में चर्च और राज्य के पृथक्करण के सिद्धांत लैसिटे को आत्मसात कर लिया है।
- यह इस तथ्य से साबित होता है कि संशोधन ऐसे समय में आया है, जब फ्रांस में ईसाई जड़ों की ओर लौटने का समर्थन बढ़ रहा है।
- फ्रांस का नारीवादी इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। और अब वहाँ की राजनीति की बदलती धाराओं के बीच, लैसिटे के लिए द्विदलीय समर्थन मिलना अन्य लोकतंत्रों के लिए एक मूल्यवान उदाहरण है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 9 मार्च, 2024