दूरसंचार अधिनियम, 2023
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आरम्भ –
- इससे संबंधित विधेयक दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित किया गया।
- यह अधिनियम 138 वर्ष पुराने भारतीय टेलिग्राफ एक्ट, 1885 के स्थान पर लाया गया है।
- सूचना तंत्र के नये स्वरुप एवं उससे उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए ऐसा किया जाना अनिवार्य हो गया था।
महत्वपूर्ण प्रावधान –
1) स्पेक्ट्रम सुधार –
- लाइसेंस व्यवस्था को समाप्त करके उसके स्थान पर प्राधिकार पत्र जारी किए जायेंगे।
- जिस उद्देश्य के लिए स्पेक्ट्रम लिया गया था, उससे हटकर भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।
- स्पेक्ट्रम का उपयोग दो कम्पनियां भी आपस में मिलकर कर सकेंगी।
- सरकार को स्पेक्ट्रम वापस लेने का अधिकार होगा।
- कम्पनियां स्पेक्ट्रम की शेयरिंग, ट्रेडिंग एवं लीजिंग कर सकेंगी।
- स्पेक्ट्रम वापस भी किये जा सकेंगे।
2) उपभोक्ताओं का संरक्षण –
- अनचाही कॉलों से निपटने के लिये अनुलाइन डिस्प्यूट रेजुलेशन का प्रावधान किया गया है।
इसके अन्तर्गत अनचाही कॉल पर अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माने की व्यवस्था है। साथ ही हमेशा के लिए कालर सुविधा पर प्रतिबंध लग सकता है।
3) विवादों का समाधान –
- दूरसंचार व्यवस्था के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने वाली कम्पनियों का दायित्व होगा कि सार्वजनिक संपत्ति को हानि न पहुँचे।
- क्षतिपूर्ति आदि से जुड़े मामलों का समाधान जिला मजिस्ट्रेट कर सकेंगे।
- गलती करने वाले के पास यह विकल्प होगा कि वह स्वयं दंड का भुगतान कर सके।
- विवादों को न्यायालय में ले जाने से पूर्व दो स्तरों पर निपटाये जाने की व्यवस्था की गई है।
4) आपातकालीन स्थिति में –
- ऐसी किसी भी स्थिति में केंद्र एवं राज्य सरकारों को यह अधिकार होगा कि वे संचार प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकें। यदि आवश्यक हुआ, तो वे इसका अधिग्रहण भी कर सकेंगे।
टीप – व्हाट्सएप, स्काईप एवं अन्य ओवर द टॉप (ओटीटी) सेवाओं को इस अधिनियम से बाहर रखा गया है।
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