सीएसआर का एक अद्वितीय मॉडल
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सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के मिलेनियम विकास लक्ष्यों को लेकर सीएसआर या कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी कानून की नींव रखी है। इसके व्यापक लाभ दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में इसके अंतर्गत टाटा समूह ने जनहित में पशु चिकित्सालय खोला है। इसके महत्व से जुड़े
कुछ बिंदु –
- भारत में मध्यम वर्ग के विस्तार के साथ ही घरेलू पालतू पशुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
- मिलेनियल या युवा परिवारों में पालतू जानवरों के प्रति विशेष आकर्षण देखा जा रहा है। भारत में लगभग 25 वर्षीय आयु वर्ग की जनसंख्या सबसे अधिक है। यह पालतू जानवर पालने की आर्थिक क्षमता को भी बताता है।
- भारत में परिवार का आकार सिमट रहा है। परिवारों में संतानोत्पत्ति में लगातार देरी होती जा रही है। ऐसे में पालतू पशु एकाकीपन को भरने में मदद कर रहे हैं।
- पालतू पशुओं के संग से मानव-स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ने के प्रमाण मिले हैं। इससे मानव-स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च घटता है।
- भारत में आवारा पशुओं की असामान्य संख्या को देखते हुए इस प्रकार के सार्वजनिक पशु चिकित्सालयों की बहुत आवश्यकता है।
टाटा समूह का यह प्रयास सराहनीय कहा जा सकता है। यह दिखाता है कि कैसे नवोन्मेषी सामाजिक दायित्व से व्यावसायिक परिणामों को बेहतर किया जा सकता है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 19 फरवरी, 2024
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