सार्वजनिक स्वास्थ्य में पीपीपी मॉडल

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20 May 2016
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सार्वजनिक स्वास्थ्य में पीपीपी मॉडलDate: 20-05-16

भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति बहुत ही दयनीय है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जहाँ एक हजार लोगों पर कम से कम एक डॉक्टर होना चाहिए, वहीं भारत में यह अनुपात सत्रह सौ लोगों पर एक डॉक्टर का है। इतना ही नहीं बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जहाँ एक हजार व्यक्तियों पर साढे़ तीन बिस्तरों की व्यवस्था होनी चाहिए, वहीं भारत में यह 1.3 बिस्तर की है। छोटे शहरों और गांवों की हालत तो बहुत ही अधिक बदतर है।

यही कारण है कि भारत की बाल मृत्यु दर पड़ोसी देश नेपाल और बगला देश से भी अधिक खराब है। भारत में सन् 2011 से 2015 के बीच एक हजार में से अड़तालीस बच्चे पांच साल की उम्र पूरी करने से पहले ही चल बसते हैं।

  • यह जानना जरूरी है कि भारत ने पिछले बीस सालों में तीव्र आर्थिक वृद्धि की है, लेकिन स्वास्थ्य पर वह अपनी जी.डी.पी. का केवल एक प्रतिशत ही खर्च करता है। जबकि इसकी तुलना में चीन तीन प्रतिशत, ब्राजील1 प्रतिशत तथा विकसित देश अमेरीका तो 8.3 प्रतिशत खर्च करता है।
  • दुखद बात यह है कि स्वास्थ्य बीमा के अभाव के कारण हर साल भारत के तीन प्रतिशत लोग कर्ज में फंस कर बुरी तरह गरीब हो जाते हैं।
  • वस्तुतः भारत को ऐसी सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं की अत्यन्त आवश्यकता है, जो सस्ती हो और सबकी पहुंच में भी हो। इसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित आधारभूत ढांचे को पुनर्जीवित करना होगा, नये चिकित्सा केन्द्र बनाने होंगे और आई.टी. टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होगा।
  • भारत को अपनी कुल जी.डी.पी. का कम से कम ढाई प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च करना होगा। साथ ही इस क्षेत्र में पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप मॉडल को अपनाना होगा। द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध करा पाना अकेले सरकार के लिए सम्भव नहीं है। हा, यह जरूर ध्यान रखना होगा कि इस मॉडल के तहत उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएं सस्ती हों तथा प्रभावशाली एवं कुशल भी हों।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में पीपीपी का सबसे अच्छा उदाहरण राजस्थान सरकार ने प्रस्तुत किया है। इस मॉडल के तहत निजी क्षेत्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा उप केन्दों तक का संचालन पूरे राज्य में कर रहा है। इस मॉडल के तहत सरकार ने आवश्यक आधारभूत संरचनाएं, दवाईयां तथा उपकरण आदि उपलब्ध कराये हैं। प्रायवेट क्षेत्र ने डॉक्टर, नर्स, अन्य स्टाफ तथा चैबीस घटे मेडीकल सेवाएं उपलब कराई हैं। यह प्रणाली सफलतापूर्वक काम कर रही हैं।

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