चिप-निर्माता हब बनने के लिए

Afeias
02 Jun 2024
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अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में ताइवान अपने लगभग सभी उपक्रम भारत में शिफ्ट करना चाहती है। उल्लेखनीय है कि दुनिया का यह छोटा सा देश ताइवान विश्व को 90% चिप की आपूर्ति करता है।

लेकिन ताइवान के मन में कुछ हिचकिचाहटें भी हैं। उसने भारत के सामने अपनी चार शिकायतें रखी हैं, जो इस प्रकार हैं-

1) भारत का जटिल प्रशासनिक ढाँचा; यानि कि नौकरशाही। इसके कारण प्रोजेक्ट के पूरा होने में अनावश्यक रूप से बहुत देरी हो जाती है।

2) अनुभवी इंजीनियर्स की कमी के कारण काम कराने में बहुत दिक्कत होती है।

3) चिप निर्माण के काम में आने वाले सहायक उपकरणों पर आयात शुल्क काफी अधिक है। इसके कारण उत्पाद की लागत बढ़ जाती है।

4) कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण गतिशीलता एवं संचार व्यवस्था में काफी परेशानियां होती हैं।

यद्यपि सरकार ने इसके लिए एक समर्पित टास्क फोर्स; इंडिया सेमी-कंडक्टर मिशन का गठन किया है। तथा टाटा-पीएसएमसी के संयुक्त प्रयास से पहली फाउंडी तैयार हो रही है।

फिर भी ताइवान कम्पनियों की इन चिंताओं को दूर करना आवश्यक है।

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