बायोटेकनॉलॉजी को आगे बढ़ाने की पहल

Afeias
30 Sep 2024
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हाल ही में कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया है। यह अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए बायो ई3 या बायोटेक्नॉलॉजी से जुड़ा हुआ है। इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

भारत में बायोटेक –

भारत में 1986 से बायोटेक्नॉलॉजी विभाग है। यह मुख्यतः वैक्सीन बनाने, डायग्नोस्टिक्स आदि में काम करता है। इसके चलते विश्व में भारत को ‘वैक्सीन फैक्टरी’ के रूप में जाना जाने लगा है।

क्षेत्र की चुनौतियां –

तकनीकी जानकारी और मानव संसाधन के बावजूद केवल कुछ भारतीय बायोटेक ही विश्व स्तर पर पहचान बना पाए हैं, क्योंकि कुछ ही स्थानीय निर्माता, भारतीय प्रयोगशालाओं को उत्पाद बनाने के लिए सामग्री और उपकरण उपलब्ध करा सकते हैं। भारत को इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाए रखना ही नीति का उद्देश्य है।

इस पहल में छः कार्यक्षेत्र हैं। भविष्य के उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों पर आधारित करने के लिए परिष्कृत जैव प्रौद्योगिकी इनमें से एक है।

क्या किया जाना चाहिए –

पिछले चार दशकों में इस क्षेत्र में निवेश किया गया है। इससे आगे बढ़कर सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में कंपनियां स्थापित करने की जरूरत है। बायो फाउंड्री और बायो एआई हब स्थापित करके, विभिन्न जैव प्रौद्योगिकीविदों का एकत्र किया जा सकता है।

बायो ई3 नीति केंद्र और राज्यों के बीच एक गहन सहयोग की मांग करती है।

द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 30 अगस्त, 2024