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भारत में लौह युग से जुड़ी नई खोज
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भारत में लौह युग आकर्षण और चर्चा का विषय रहा है। दुनिया के बाकी हिस्सों में जहां ताम्र-कांस्य युग के बाद लौह युग आया, वहीं भारत में स्थिति अलग रही है। हाल ही में तमिलनाडु में की गई खुदाई से कुछ नए तथ्यों का पता लगा है।
कुछ बिंदु –
- तमिलनाडु के शिवगलाइ में 2019 से 2022 तक चले खुदाई कार्यों से पता चलता है कि यहाँ लौह युग ईसा पूर्व चौथी सहस्राब्दी के शुरूआती भाग में आरंभ हो गया था। जबकि 25 वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश की मध्य गंगा घाटी में की गई खुदाई के बाद, लौह प्रौद्योगिकी के शुरूआती साक्ष्य 1800 ई.पू. के थे।
- तमिलनाडु स्टेट डिपार्टमेन्ट ऑफ आर्कयलॉजी की इस खोज से भारत के लौह युग पर काम कर रहे पुरातत्वविदों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतियों के संबंध में नई सोच को बढ़ावा मिलना चाहिए। अब लोहे के उपयोग वाले स्थलों की तलाश अधिक की जानी चाहिए।
- तमिलनाडु के प्रयासों को अन्य दक्षिणी राज्यों के प्रयासों के साथ समन्वित किया जाना चाहिए। आखिरकार, सभी के प्रयास देश में उपलब्ध संसाधनों और विशेषज्ञता को साझा करके, विश्वसनीय निष्कर्षों पर पहुंचने की दिशा में ही हैं।
‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 25 जनवरी, 2025
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