
भारत के पास श्रम-शक्ति का सहारा है
To Download Click Here.
अमेरिकी राष्ट्रपति के बढ़ते कर-युद्ध ने बहुत सी अजिश्तिताएं उत्पन्न कर दी हैं। भारत को 26% कर लगाए जाने की चेतावनी मिल चुकी है। हालांकि, अमेरिका भारत से इस कर पर बातचीत करने को तैयार हो गया है, लेकिन भारत और समूचे विश्व पर इस कर – युद्ध के जबरदस्त प्रभाव देखने को मिलेंगे।
कुछ बिंदु –
- भारत की निर्यात-आय में बड़ी हानि दिखाई दे रही है।
- निवेशक घटराए हुए हैं। गोल्डमैन सैक्स जैसी बड़ी कंपनी ने अमेरिका में मंदी की 35% संभावना बताई है। दूसरी ओर जेपी मॉर्गन ने वैश्विक मंदी की 60% संभावना का अनुमान लगाया है।
- अगर वैश्विक मंदी आती है, तो भारत के लिए बहुत बुरा समय आ सकता है। हम पहले से ही मंदी के दौर में हैं। इस हेतु सरकार को तेजी से काम करने की जरूरत है। हमारी शक्ति हमारा सस्ता श्रम है। अतः विनिर्माण केंद्र बनने के लिए हमें पूरे देश में औद्योगिक शक्ति बढ़ाने की जरूरत है।
- अमेरिका के साथ व्यापार में लगातार वृद्धि हुई है। ट्रंप के बदलते तेवर से इसके कुछ ठीक चलने की आशा भी है।
- भारत को अन्य देशों के साथ व्यापार के मद्देनजर विविधता लाने की जरूरत है। हमें चीन का उदाहरण सामने रखकर चलना चाहिए। सभी बाधाओं के बावजूद, चीन आज भी एक विनिर्माण महाशक्ति है। भारत को भी अपने श्रम के दम पर आगे बढ़ने के लिए पूरा जोर लगा देना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 अप्रैल, 2025
Related Articles
×