नए भारत में नारी शक्ति

Afeias
22 Mar 2018
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Date:22-03-18

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प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हाल ही में कहा था कि ‘नए भारत का स्वप्न ऐसे भारत के बारे में है, जहाँ नारी सशक्त हो और देश के चहुँमुखी विकास में बराबर की भागीदार हो।’ प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य केवल आडंबरपूर्ण नहीं था, बल्कि यह देश की असंख्या महिलाओं की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व था। यह उन महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत के विकास-पथ पर न केवल भागीदार है, बल्कि उसका नेतृत्व भी कर रही है।

किसी देश का आर्थिक-सामाजिक रूपांतरण तभी संभव हो पाता है, जब उस देश की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों। वे अपने निर्णय स्वयं लेने की अधिकारी हों। वर्तमान सरकार ने ऐसा संभव करने के लिए अनेक योजनाओं और नीतियों का प्रारंभ किया है।

  • 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की गई। इसके अंतर्गत महिला उद्यमियों को कुल1 लाख करोड़ के ऋण देने का प्रावधान रखा गया है। इस योजना से लाभ लेने वाली 76 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में बाधाओं को पार करके सफल व्यवसाय स्थापित किए हैं।
  • महिलाओं को सशक्त बनाने और अनुसूचित जाति/जनजाति को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से ‘स्टैण्ड-अप इंडिया’ की 2016 में शुरूआत की गई। इसके अंतर्गत 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के ऋण देने की व्यवस्था है। आवंटित किए गए कुल ऋण में से 81 प्रतिशत महिलाओं ने इस योजना से लाभ लिया।
  • ‘आजीविका’ योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को आजीविका के लिए ऋण की व्यवस्था की गई है। इसमें महिलाओं के समूहों ने 2015 की तुलना में 2016 में37 अधिक ऋण प्राप्त किया।
  • ”जन-धन योाजना” से भी 16 करोड़ महिलाओं को लाभ पहुँचा है। खोले गए खातों में से जीरो बैलेंस वाले खातों की संख्या 20 प्रतिशत कम हो गई है।
  • ”स्किल-इंडिया कार्यक्रम” से जिन04 करोड़ लोगों को फायदा पहुँचा है, उनमें 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। जिन महिलाओं को कभी व्यावसायिक प्रशिक्षण का अवसर नहीं मिला था, उनको इसके माध्यम से एक प्रवेश द्वार मिला है।
  • औपचारिक क्षेत्र में महिलाओं के रोजगार को समृद्ध करने के लिए भविष्य निधि अधिनियम, 1952 में सुधार करके, उसे महिलाओं के रोजगार के प्रथम तीन वर्षों के लिए 12 या 10 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी परिवार की महिला को सशक्त बनाकर हम पूरे परिवार को सशक्त बनाते हैं। किसी महिला को शिक्षित करके पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं। किसी महिला के भविष्य को सुरक्षित करके हम पूरे परिवार के भविष्य को सुरक्षित करते हैं।

सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभ प्राप्त करने वाली अनेक महिलाएं न केवल स्वयं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं, बल्कि वे अन्य महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें भी सक्षम बना रही हैंं। जब आकांक्षाएं और शक्ति आपस में मिल जाते हैं, तभी नए भारत का उदय देखा जा सकता है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित मीनाक्षी लेखी के लेख पर आधारित।

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