बढ़ते तापमान की चेतावनी
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विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अगले दशक में तापमान के रूझान के अनुमानों पर अपना वार्षिक अपडेट जारी किया है। पूर्वानुमान चिंताजनक है। इस पर कुछ बिंदु-
- 2023 और 2027 के बीच प्रत्येक वर्ष के लिए औसत निकट-सतह तापमान 1850-1900 की तुलना में 1.1-1.8° अधिक होने की संभावना है।
- इस बात की 66% संभावना है कि वैश्विक निकट सतह तापमान पूर्व औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाएगा। यह अनुमान 2027 से लगभग एक वर्ष पहले के लिए लगाया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन पर बने अंतर सरकारी पैनल का जोर इसी बात पर है कि किसी तरह तापमान को 1.5 से अधिक न बढ़ने दिया जाए। बहुत से विश्व नेता इस लक्ष्य पर सहमत तो हैं, लेकिन नीतियां ऐसी बनाते हैं कि इस शताब्दी के अंत तक तापमान 2° से अधिक होने की आंशका है।
- इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2023-2027 के बीच का कोई एक वर्ष 2016 के 14.84° से के वैश्विक औसत तापमान से कहीं अधिक गर्म रहेगा। इन पाँच वर्षों का औसत तापमान भी 2018-22 वाले औसत से अधिक होने की आशंका है।
- भारत का मौसम विभाग इस बात का संकेत दे रहा है कि एल नीनो प्रभाव से मानसूनी बारिश सामान्य से कम की तरफ होगी।
जलवायु परिवर्तन का भारत पर कठोर प्रभाव होने की संभावना है, क्योंकि भारत कृषि-प्रधान देश है, और यह लंबे समुद्री तटों से घिरा हुआ है।
भारत को आपदा संबंधी बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश पर अपना पूरा ध्यान लगाना चाहिए।
‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 19 मई, 2023