‘बैड लोन’ से बाहर निकलने का बेहतर तरीका

Afeias
27 Oct 2022
A+ A-

To Download Click Here.

भारत ने ‘बैड लोन’ की रिकवरी के लिए बैड बैंक की स्थापना की है। बैड बैंक ने लोन की रिकवरी का काम नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को सौंप रखा है। परंतु यह पिछले एक वर्ष की अवधि में लोन रिकवरी में असफल रही है।

कुछ बिंदु-

  • कथित तौर पर, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी या एनएआरसीएल 31 अक्टूबर तक कुल 9,921 करोड़ के 18 डिस्ट्रेस्ड खातों के अधिग्रहण की तैयारी कर रहा है।
  • अभी तक बैड लोन के एक भी मामले को न निपटा पाने का कारण ऋणों के मूल्य निर्धारण में फर्क होना है। अतः कंपनी को प्राइसिंग में और अधिक वास्तविकता लानी होगी, तभी वह बैड लोन का निपटारा करके अपना लेखा-जोखा साफ कर सकेगी।

एनएआरसीएल ने डिस्ट्रेस्ड संपत्ति का निपटारा पांचवे वर्ष के अंत में करने का मूल्यांकन किया है। इसका अर्थ है कि संपत्ति पर पांच साल की छूट लागू की जाएगी। यह ऋणदाताओं को मान्य नहीं है।

  • साथ ही, ऋणों के लिए प्रायः राशियों और इन ऋणों पर अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्यांकन को संशोधित करना चाहिए।
  • समझौते के अनुसार एनएआरसीएल बैड लोन का अधिग्रहण करेगा। सहमत मूल्य का 15% नकद में और शेष राशि का सुरक्षा रसीदों (एस आर एस) के रूप में भुगतान करेगा। इसकी सहयोगी, कंपनी, इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड परिसंपत्तियों का प्रबंधन और निपटान करेगी।

व्यवसायों को पुनर्जीवित करने और उत्पादक परिसंपत्तियों की रक्षा के लिए समाधान तंत्र को तेजी से काम करना होगा। जरूरत एक सक्रिय ऋण बाजार की भी है, जिससे एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां बैड लोन को खरीदने के लिए सब प्राइम बांडों के माध्यम से धन जुटा सकें।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 20 सितम्बर, 2022

Subscribe Our Newsletter