
अरावली और ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट
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दो वर्ष पूर्व केंद्र सरकार ने अरावली पर्वत श्रंखला के लिए एक ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस पर कुछ बिंदु –
- इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भूमि क्षरण और थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकना, जैव विविधता को बढ़ाना, मृदा स्वास्थ्य में सुधार करना, भू-जल स्तर को बढ़ाना, जल निकायों को पुनर्जीवित करना एवं स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
- यह परियोजना अफ्रीका की ग्रेट ग्रीन वॉल पहल से प्रेरित है।
- परियोजना का उद्देश्य अच्छा और आवश्यक होते हुए भी अनके प्रश्न खड़ा करने वाला है। यदि अफ्रीकी योजना की सफलता पर नजर डालें, तो नाइजर जैसे कुछ हिस्सों की भूमि को खेती योग्य बनाया जा सका है। लेकिन कुल मिलाकर फंडिंग और लॉजिस्टिक की मुश्किलें बड़ी बाधा बन रही हैं।
- पौधे लगाकर पेड़ बनने तक उनकी देखभाल करने में अफ्रीका और भारत दोनों का ही रिकार्ड खराब रहा है।
- चीन की ग्रीन वॉल परियोजना में भी पारिस्थितिकी और स्थानीय जुड़ाव को ध्यान में नहीं रखा गया है। जल्दबाजी में पेड़ लगाने का लक्ष्य भर पूरा किया गया है।
- अंरावली में 11,500 वर्ग कि.मी. भूमि को कवर करना आसान नहीं होगा।
- अरावली पर्वतमाला के एक चौथाई हिस्से को 50 वर्षों में नष्ट करने वाला अवैध खनन अब भी जारी है। इसे रोकना जरूरी है।
- अगर सरकार इस परियोजना को वाकई सफल बनाना चाहती है, तो नगरीकरण के नाम पर होने वाली वनों की कटाई पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 18 मार्च 2025