
सार्क का विकल्प बनता बिम्सटेक
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सार्क (SAARC) – सार्क का अर्थ है- साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन। यह दक्षिण एशिया के देशों का संगठन है। इसकी पिछले 8 सालों से कोई बैठक नहीं हुई है। भारत और पाकिस्तान के खराब संबंधों के कारण यह संगठन अब अप्रासगिंक हो गया है।
बिम्सटेक (BIMSTEC) – यह एक बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल है। यह संगठन दक्षिण पूर्व एशिया के बीच संपर्क मार्ग बनाता है। बिम्सटेक के सदस्यों में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं।
भारत के लिए बिम्सटेक रणनीतिक और भू-राजनैतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण संगठन है। इसमें चीन व पाकिस्तान नहीं हैं। इसीलिए पड़ोसी देशों से बेहतर व स्थिर संबंध बनाए जा सकते है।
आइये बिम्सटेक के कुछ सदस्य देशों के बारे में विस्तार से जानते हैं –
बांग्लादेश – भारत और बांग्लादेश पड़ोसी देश हैं तथा दोनों देश कूटनीतिक संबंधों के महत्व को अच्छे तरीके से समझते हैं। बांग्लादेश की भू-रणनीतिक स्थिति भारत की सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश बिम्सटेक व बी.बी.आई.एन. (बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल मोटर वाहन समझौता) का महत्वपूर्ण घटक है।
लेकिन बांग्लादेश में अब राजनीतिक अस्थिरता के कारण कट्टरपंथी ताकतें मजबूत हो रही हैं। हाल ही में थाइलैंड के बैंकाक में संपन्न बिम्सटेक सम्मेलन में हमारे प्रधानमंत्री व बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिससे हमारे रिश्ते सुधरने की आशा है।
म्यांमार – म्यांमार भारत की लुक ईस्ट नीति का महत्वपूर्ण भाग है। म्यांमार की सीमांए भारत, चीन, थाईलैंड, लाओस, बांग्लादेश और अंडमान सागर से जुडी है। इससे यह देश रणनीतिक रूप से हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
म्यांमार में सैन्य शासन है। वहाँ गृहयुद्ध के कारण उग्रवाद, आतंकवाद व ड्रग तस्करी का जोखिम बढ़ता जा रहा है। इसी कारण करोड़ो डॉलर वाली भारत की कलादान, मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट योजना के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है। उत्तरपूर्वी राज्यों की कनेक्टिविटी के लिए म्यांमार हमारे लिए अहम् है। बैंकॉक के सम्मेलन में हमारे प्रधानमंत्री व म्यांमार के वरिष्ठ जनरल के मध्य द्विपक्षीय वार्ता हुई।
इससे कनेक्टिविटी, क्षमता निर्माण व बुनियादी संरचना निर्माण पर बात हुई।
भारत – भारत दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और प्रभावशाली देश है। यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत का प्रभाव शिक्षा, कला, साहित्य और संगीत में भी है। भारत आपदा प्रबंधन, सतत् समुद्री परिवहन, पारंपरिक चिकित्सा और कृषि में अनुंसधान व प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा। भारत द्वारा प्रत्येक वर्ष बिम्सटेक बिजनेस समिट भी आयोजित की जाएगी। पड़ोसी देशों की स्थिरता व उनमें लोकतंत्र भारत के महत्वपूर्ण है और बिम्सटेक इसे प्राप्त करने का महत्वपूर्ण मंच हो सकता है।
बिम्सटेक का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक-तकनीकि सहयोग बढ़ाना है। यह विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार निवेश, परिवहन, ऊर्जा और संसाधनों के साझा उपयोग के सहयोग को प्रोत्साहित करता है। इसके सदस्य देश जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं, पारिस्थितिकी और सतत् विकास के मुद्दों पर मिलकर काम कर सकते हैं।