साइबर-सुरक्षा का अभेद्य कवच बनाने की आवश्यकता

Afeias
14 Jul 2017
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Date:14-07-17

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हाल ही में साइबर सुरक्षा के उपायों को धता बताकर पूरे विश्व में साइबर हमले किए जा रहे हैं। इनमें पेत्या (Petya) का यूक्रेन, स्पेन, नीदरलैण्ड और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। इस संस्था को और भी कई नामों से जाना जाता है। पेत्या को अपनी एनक्रिप्शन प्रक्रिया के बारे में जाना जाता है। इसके माध्यम से यह डाटा को बेसिक स्तर से एनक्रिप्ट करता है। ऐसे हमले को देखते हुए बहुत सी कंपनियों ने अपने साइबर सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को इस प्रकार के मेलवेयर से सुरक्षित रहने, उनका पता लगाने और उसके प्रति व्यवहार को लेकर निर्देश जारी किए हैं। सच्चाई यह है कि आज साइबर हमले का खतरा बहुत अधिक बढ़ चुका है और इससे सुरक्षा के उपायों को जल्द अपनाने की आवश्यकता है।

पूरे विश्व के किसी भी देश के किसी भी उद्यम में साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है। भारत को भी ऐसी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और निम्न उपाय अपनाने चाहिए –

  • अपने सभी माइक्रोसाफ्ट सिस्टम को जल्द से जल्द पैच करना होगा।
  • सभी सिस्टम पर एंटी-वायरस अपडेट करना होगा।
  • अपने ई-मेल फिल्टर और स्पैम को अधिक सुरक्षित बनाना होगा।
  • फायरवॉल रूल्स, वेब गेटवे रूल्स और डिटेक्शन तंत्र में अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए विस्तृत निर्देशिका का पालन करना होगा।

दूरगामी उपाय 

  • सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े डिज़ास्टर प्लान को मजबूत बनाना होगा, जिसके द्वारा व्यक्तिगत यूजर सिस्टम और की-सर्वर को बैकअप के द्वारा रिस्टोर किया जा सके।
  • सुरक्षा की साफ-सुथरी नीतियां बनानी होंगी। साइबर उपभोक्ता में जागरूकता लानी होगी। अपने आई टी क्षेत्र में आम डिलेवरी वैक्टर के जरिए रैन्समवेयर को घुसने से रोकना होगा।
  • पैच प्रबंधन पर जमकर काम करना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे भेद्य बिन्दुओं पर हमलावार प्रवेश न पा सके।
  • संकट की घड़ी में अपने एक्शन प्लान पर काम करना होगा। अपने कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की सेवाओं को रिस्टोर करने के लिए संगठनात्मक कौशल का विकास करना होगा।

इकॉनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित सिद्धार्थ विश्वनाथ के लेख पर आधारित।

 

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