अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में नए केन्द्र की घोषणा

Afeias
10 Jul 2020
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Date:10-07-20

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हाल ही में सरकार ने इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एण्ड ऑथराइजेशन सेंटर (आई एन एस पी ए सी ई) के गठन की घोषणा की है। 360 अरब डॉलर के वैश्विक स्पेस मार्केट में भारत , इस संगठन के माध्यम से अपने पैर पसार सकेगा। इसकी मदद से देश , अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की ओर तेजी से बढ़ सकेगा।

केन्द्र का स्थान क्या‍ होगा

अंतरिक्ष तकनीक में ईसरों का अपना एक अलग स्थान है। वह एक शीर्ष केन्द्र है। इसी प्रकार व्दितीय शीर्ष पर स्वायत्तशासी संस्थाएं हैं। तीसरी चोटी पर न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड जैसे सार्वजनिक निकाय हैं। चौथा शीर्ष इन-स्पेस को दिया जा रहा है। यह पूर्ण रूप से स्वायत्त निकाय होगा , जिस पर ईसरो का कोई प्रभाव नहीं होगा। इसके प्रशासनिक अधिकारी भी अलग होंगे।

देश को लाभ

इस केन्द्र के गठन से भारत की अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ होने की संभावना है। विश्व के 360 अरब डॉलर के बाजार में भारत का योगदान मात्र 3% है। इस घोषणा से अंतरिक्ष तकनीक से जुड़ कई काम भारत को सौंपे जा सकते हैं।

नए केन्द्र का उद्देश्य निजी क्षेत्र की कंपनियों को टेस्टिंग सुविधा या ईसरो के अन्य सिस्टम की सुविधा मुहैया कराना होगा। अभी तक अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में निजी कंपनियों को रॉकेट या उपग्रहों के कई पार्ट्स सप्लाई करने की ही छूट थी। परन्तुं अब वे अपने निजी उपग्रह और रॉकेट के प्रेक्षेपण के लिए ईसरो को शुल्क  देकर उसकी सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए इन-स्पेस ही मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा। इससे उपग्रह और रॉकेट निर्माण की पूरी प्रक्रिया का व्यावसायीकरण होने की संभावना है। अगर यह संभव होता है , तो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आर्थिक कायापलट हो सकता है। इस नए केन्द्र  के माध्यम से विद्यार्थी भी कम दर पर अपने मिनी-उपग्रह प्रक्षेपित कर सकेंगे।

अगर सरकार इस केन्द्र की स्थापना के लक्ष्य को साधने में सफल रहती है, तो यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर साबित होगा।

समाचार पत्र पर आधारित। 

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