पश्चिम एशिया की बढ़ती अशांति में भारत की क्या भूमिका है
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हाल ही में हुए ईरान-इस्लामाबाद संघर्ष से अब पश्चिम एशिया में फैली आग भारत के बहुत करीब आ चुकी है। आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टालरेन्स की नीति है। अतः भारत को चाहिए कि वह आतंकवाद से निपटने के लिए सर्वसम्मत कार्रवाई विकसित करे। आंतकियों को शरण देने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई करे।
- ये संघर्ष भले ही शिया/सुन्नी आधार को भी लेकर चल रहे हों, लेकिन इन सबमें चीन अपना फायदा देख सकता है। ईरान अरब देशों के बीच पिछले साल समझौते का प्रयत्न करने वाला चीन अभी परिदृश्य से बिल्कुल गायब है।
- यू.एस. और ब्रिटेन का ईरान पर ध्यान अधिक देने का अर्थ है, अमेरिका का हिंद-प्रशांत क्षेत्र से ध्यान हटना। यह चीन के लिए अच्छा है, लेकिन भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में भारत को अपनी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है।
कुल मिलाकर ईरान के पाकिस्तान पर हमले ने भारत के उस पक्ष को फिर मजबूत किया है, जिसमें पाकिस्तान पर आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाया जाता रहा है।
विभिन्न समाचार पत्रों पर आधारित। 19 जनवरी, 2024
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